देश में गिरती जीडीपी और बढ़ती महंगाई के बीच केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लिया है. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि सरकार मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम का कार्यकाल एक साल के लिये अक्टूबर 2018 तक बढ़ाएगी. पीटरसन इंस्टीट्यूट फार इंटरनेशनल एकोनामिक्स के वरिष्ठ फेलो सुब्रमण्यम को अक्टूबर 2014 में मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) बनाया गया था. उनका कार्यकाल तीन साल के लिये था जो 16 अक्टूबर को समाप्त हो रहा है.
अरुण जेटली ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि अरविंद सुब्रमण्यम को एक साल का सेवा विस्तार मिलेगा. बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का पांच साल का कार्यकाल मई 2019 में पूरा होगा. सीईए वित्त मंत्री को वृहत आर्थिक मामलों पर सलाह देता है और अन्य बातों के अलावा आर्थिक समीक्षा और मध्यावधि समीक्षा तैयार करता है.
कार्यकाल बढ़ाए जाने पर सुब्रमण्यम ने कहा है कि वह नई चुनौतियां स्वीकार करने के लिए तैयार हैं, सरकार कई मोर्चों पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि हमें जीडीपी, निर्यात, निवेश में बढ़त लाने की जरुरत है. आर्थिक सलाहकार अरविंद ने कहा कि अर्थव्यवस्था को चुनौतियों से उबारने की दिशा में काम किया जा रहा है.
सुब्रमण्यम ने अक्टूबर 2014 में रघुराम राजन के बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार का पद संभाला था. राजन ने 2013 में आरबीआई के गर्वनर का पदभार ग्रहण किया था जिसके बाद से मुख्य आर्थिक सलाहकार का पद खाली था. सुब्रमण्यम लगातार कई फैसलों पर केंद्र सरकार की खुलकर अपनी राय भी रखते रहे हैं, इनमें आरबीआई की मॉनटरी पॉलिसी और रेट कट के मुद्दे शामिल हैं.
अरविंद सुब्रमण्यम ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफेंस कॉलेज से स्नातक किया और उसके बाद IIM अहमदाबाद से एमबीए की डिग्री हासिल की. इसके बाद वह एमफिल और डीफिल के लिए लंदन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में चले गए. देश के आर्थिक मामलों में मुख्य आर्थिक सलाहकार की भूमिका काफी अहम मानी जाती है, वह अर्थव्यवस्था से जुड़े अहम मुद्दों पर सरकार को सलाद देता है.