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MSME को आत्मनिर्भर भारत पैकेज का फायदा मिलना शुरू, 75400 करोड़ रुपये के लोन मंजूर

वित्त मंत्रालय के मुताबिक अब तक सरकार की इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) के तहत 75,000 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया गया है. योजना के तहत अब तक 32,894.86 करोड़ रुपये का लोन वितरित भी किया जा चुका है.

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MSME को मिलने लगा राहत पैकेज का फायदा
MSME को मिलने लगा राहत पैकेज का फायदा

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  • आत्मनिर्भर भारत पैकज का MSME को मिलने लगा फायदा
  • इस स्कीम के तहत 75 हजार करोड़ रुपये का लोन मंजूर

कोरोना संकट के दौर में केंद्र सरकार द्वारा घोषित राहत पैकेज का फायदा अब सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (MSME) को मिलना शुरू हो गया है. वित्त मंत्रालय के मुताबिक अब तक सरकार की इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) के तहत 75,000 करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया गया है.

वित्त मंत्रालय ने बताया है कि एक जून से शुरू सौ फीसदी गारंटी वाली इस योजना के तहत अब तक 32,894.86 करोड़ रुपये का लोन वितरित भी किया जा चुका है.

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क्या है स्कीम

गौरतलब है कि कोरोना संकट से प्रभावित सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों (MSMEs) की मदद के लिए सरकार ने आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) के माध्यम से 9.25 प्रतिशत की रियायती दर पर तीन लाख करोड़ रुपए तक की अतिरिक्त लोन देने की बात कही थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिये पिछले महीने 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा की थी.

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इस पैकेज के तहत ही सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिये 3 लाख करोड़ रुपये की इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम घोषित की गई थी.

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वित्त राज्य मंत्री ने दी ये जानकारी

वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को ट्वीट कर बताया कि इस योजना के तहत अबतक कुल 75,426.39 करोड़ रुपये के लोन की मंजूरी दी गई है, जिसमें से 32,894.86 करोड़ रुपये वितरित किये जा चुके हैं. इनमें सार्वजनिक क्षेत्र के 12 और निजी क्षेत्र के 16 बैंकों के आंकड़े शामिल हैं. इसमें से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अब तक 42,739.12 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं जिसमें से 22,197.54 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं.

वहीं निजी क्षेत्र के बैंकों ने 32,687.27 करोड़ रुपये मंजूर किये जबकि अबतक 10,697.33 करोड़ रुपये वितरित किए गए. एसबीआई रिसर्च के अनुसार 1 मार्च 2020 तक MSME सेक्टर पर लगभग 14 लाख करोड़ रुपए का कर्ज था.

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