इस बार त्योहार के मौसम में हो सकता है कि आपके घर के आसपास का एटीएम खाली मिले. बैंकों को लॉजिस्टिक्स सेवाएं देने वाली निजी सुरक्षा एजेंसियों के पास हथियारबंद कर्मचारियों की काफी कमी हो गई है. इसी वजह से वैसा अंदेशा जताया जा रहा है.
उद्योग के एक अनुमान के अनुसार नकदी का रखरखाव करने वाली एजेंसियों में हथियारबंद गार्डों की संख्या 6 माह पहले की तुलना में घटकर एक-तिहाई रह गई है, जिससे लॉजिस्टिक्स परिचालन प्रभावित हुआ है. इसके अलावा नवरात्र, दशहरा और दिवाली जैसे त्योहारों की वजह से भी गार्ड छुट्टी पर जा सकते हैं.
उद्योग के अधिकारियों का कहना है कि इस समय ज्यादातर एटीएम में हर पांचवें दिन नकदी डाली जा रही है, जबकि अमूमन एटीएम में हर दूसरे दिन नकदी डाली जाती है.
लॉजिस्टिक्स कंपनी के एक अधिकारी ने कहा, ‘एटीएम में नकदी की कमी हो सकती है. विभिन्न कंपनियों में सुरक्षा गार्डों की कमी है. इससे एटीएम में नकदी डालने की अवधि 5 दिन हो गई है.’ हालांकि, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के एक अधिकारी ने कहा कि बैंक एटीएम त्योहारी सीजन के मद्देनजर अतिरिक्त नकदी डालने के लिए कदम उठा रहे हैं.
कैश लॉजिस्टिक्स एसोसिएशन के अनुसार, बैंकों की ओर से हर दिन एटीएम में 15,000 करोड़ रुपये की नकदी डाली जा रही है.
एसोसिएशन ने कहा कि हथियारबंद सुरक्षा गार्डों में कमी की एक वजह यह है कि कई राज्यों में पुलिस ने इस मुद्दे पर आपत्ति जताई है. पुलिस का कहना है कि निजी हथियार लाइसेंस का इस्तेमाल कानून में बताए गए तरीके के अलावा दूसरी जगह कहीं नहीं हो सकता. इससे कैश लॉजिस्टिक्स फर्मों में कर्मचारियों की कमी हो गई है, क्योंकि उन्हें नकदी रख-रखाव के लिए हथियार को औपचारिक लाइसेंस नहीं मिलता.
पिछले वित्त वर्ष में नकदी भरी वैन लूटने की घटनायें हर महीने बढ़कर एक तक पहुंच गई, जबकि इससे पहले 2011-12 तक तीन महीने में एक घटना होती थी.