वैसे तो मोदी सरकार मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए देश के ऑटोमोबाइल सेक्टर को ग्लोबल हब बनाने की कोशिश में जुटी है. लेकिन बीते साल के आम बजट में ऑटो इंडस्ट्री के लिए कुछ बड़े ऐलान नहीं किए गए. हालांकि इस बार के अंतरिम बजट से ऑटो इंडस्ट्री को थोड़ी-बहुत उम्मीदें हैं. ऑटो इंडस्ट्री के दिग्गजों को उम्मीद है कि इस बार के बजट में कारों के 28 फीसदी जीएसटी स्लैब में कटौती की जाएगी. वहीं टैक्स छूट के रूप में वन-टाइम इंसेटिव की मांग भी की जा रही है.
मारुति सुजुकी इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर केनिची आयुकावा ने कहा कि भारत में वाहनों पर टैक्स की दर कई अन्य देशों से काफी ऊंची है. डिमांड बढ़ाने और इंडस्ट्री के डेवलपमेंट के लिए इसे नीचे लाने की जरूरत है. आयुकावा ने कहा कि अंतरिम बजट कुछ अनिश्चित सा होगा लेकिन आम चुनाव के बाद आने वाला बजट महत्वपूर्ण होगा. हालांकि, हम टैक्स दरों में कटौती के लिए लगातार सरकार के संपर्क में हैं. हम जानते हैं कि ऐसा करना आसान नहीं होगा. उन्होंने आगे कहा कि डिमांड को बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा तरीका टैक्स घटाना है.
वाहन बिक्री में आई है गिरावट
फिलहाल वाहन हाई जीएसटी स्लैब 28 फीसदी के दायरे में आते हैं. इसके अलावा लंबाई, इंजन के आकार और प्रकार के हिसाब से एक से 15 फीसदी का सेस भी लगता है. दरअसल, बीते कुछ समय से घरेलू यात्री वाहन की बिक्री में भी गिरावट आई है. सियाम के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 6 महीनों में से 5 माह वाहनों की बिक्री घटी है. दिसंबर, 2018 में भी वाहनों की बिक्री में गिरावट आई है. बता दें कि वर्तमान में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री भारत है. वहीं ऑटो कंपनियों का भारत की जीडीपी में 2.3 फीसदी का योगदान है और हाल के सालों में ये सेक्टर 18.3 फीसदी की दर से बढ़ा है.
बजट 2018 में क्या था खास
बजट 2018 में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को डायरेक्ट बूस्ट के लिए कुछ खास ऐलान नहीं हुए थे. हालांकि एग्रीकल्चर सेक्टर पर मोदी सरकार का फोकस होने की वजह से ऑटोमोबाइल सेक्टर को फायदा जरूर मिला है. वर्किंग क्लास की तादाद बढ़ने से भी टू-व्हीलर्स और छोटी कारों के सेगमेंट की सेल्स में इजाफा हुआ है.
1 फरवरी को पेश होगा बजट
देश का अंतरिम बजट 1 फरवरी को पेश होने वाला है. यह बजट वित्त मंत्री का प्रभार संभाल रहे रेल मंत्री पीयूष गोयल सदन के पटल पर रखेंगे. दरअसल, विदेश में इलाज करा रहे अरुण जेटली की जगह बजट से ऐन पहले पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.