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ऑटो सेक्टर मंदी: अशोक लीलैंड सितंबर में 18 दिन तक बंद रखेगी कामकाज

हिंदुजा समूह की ऑटो कंपनी अशोक लीलैंड ने सितंबर में अपने प्लांट्स में 5 से 18 दिन तक कामकाज बंद रखने का ऐलान किया है.  कंपनी ने इसके लिए कमजोर मांग को वजह बताई है.

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मुख्यत: कॉमर्श‍ियल वाहनों का उत्पादन करती है अशोक लीलैंड
मुख्यत: कॉमर्श‍ियल वाहनों का उत्पादन करती है अशोक लीलैंड

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ऑटो सेक्टर की मंदी से परेशान कंपनियां लगातार उत्पादन में कटौती, काम के घंटे कम करने जैसे उपाय करने में लगी हैं. अब हिंदुजा समूह की ऑटो कंपनी अशोक लीलैंड ने सितंबर में अपने प्लांट्स में 5 से 18 दिन तक कामकाज बंद रखने का ऐलान किया है.  कंपनी ने इसके लिए कमजोर मांग को वजह बताई है. कंपनी देश के अपने सभी प्लांट में कामकाज के दिन घटा रही है.

कंपनी ने सबसे ज्यादा पंतनगर में 18 दिनों के लिए कामकाज बंद करने का फैसला किया है. इसके अलावा अलवर में 10 दिन,  भंडारा में 10 दिन, एन्नोर में 16 दिन और होसुर के प्लांट में 5 दिन कामकाज बंद रखने का फैसला किया गया है.

गौरतलब है कि देश की ऑटो इंडस्‍ट्री बुरे दौर से गुजर रही है. ऑटो इंडस्ट्री में जारी सुस्ती के बीच मारुति सुजुकी इंडिया के 3000 से ज्यादा अस्थायी कर्मचारियों की नौकरी चली गई है.

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कामकाज बंद करने से पहले अशोक लीलैंड ने भी कर्मचारियों को कंपनी छोड़ने के लिए ऑफर दिया है. बता दें कि प्रोडक्शन और बिक्री में भारी गिरावट की वजह से अप्रैल माह से अब तक ऑटो सेक्टर में करीब 2 लाख से ज्यादा नौकरियां जा चुकी हैं

अशोक लीलैंड ने कार्यकारी स्तर के कर्मचारियों के लिए कंपनी से अलग होने की योजना की घोषणा की है. इसके तहत कंपनी ने कर्मचारियों के लिये नोटिस जारी कर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) और कर्मचारी अलगाव योजना (ईएसएस) का ऑफर दिया है. कंपनी ने यह योजना ऐसे समय पेश की है जब उसके कर्मचारी बोनस बढ़ाने को लेकर हड़ताल पर थे.

47 फीसदी तक गिर गई अशोक लीलैंड की बिक्री

अशोक लीलैंड मुख्यत: कॉमर्श‍ियल वाहनों का उत्पादन करती है. कंपनी की कुल बिक्री अगस्त में 47 प्रतिशत घटकर 9,231 वाणिज्यिक वाहन रही. पिछले साल इसी माह में कंपनी ने 17,386 वाहन की बिक्री की थी. कंपनी ने एक बयान में बताया कि मध्यम एवं भारी वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री इस माह में 5,349 इकाई रही.  

ऑटो इंडस्ट्री का संकट कम नहीं हो रहा

ऑटो इंडस्ट्री लगातार बुरे दौर से गुजर रही है. बीते 10वें महीने व्हीकल्स के प्रोडक्शन और सेल्स में गिरावट देखने को मिल रही है. कारों और अन्य वाहनों की बिक्री में गिरावट का सिलसिला लगातार 10 महीने से जारी है. अगस्त में भी कारों की बिक्री में 29 फीसदी की भारी गिरावट आई है.

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 इन हालात में ऑटो सेक्टर के संगठन सियाम ने सरकार से मदद भी मांगी है. इंडस्ट्री लगातार इस बात की मांग कर रही है कि कारों पर जीएसटी रेट 28 से घटाकर 18 फीसदी कर दिया जाए. अब पूरे इंडस्ट्री की नजरें 20 सितंबर को गोवा में होने वाली अगली जीएसटी कौंसिल की बैठक पर लगी हैं, कि इस महत्वपूर्ण बैठक में आखिर कारों पर जीएसटी घटाई जाती है या नहीं.

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