सरकार ने देश में एयरबस ए 380 श्रेणी के विमानों के परिचालन पर 5 साल पुरानी पाबंदी हटा ली है. इससे चार प्रमुख हवाई अड्डों दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरु से इन विशालयकाय विमानों के परिचालन का रास्ता खुल गया है.
इस निर्णय के बाद सिंगापुर एयरलाइंस, अमीरात एयवेज और लुफ्थांसा जैसी कंपनियों द्वारा इन हवाई अड्डों से इन विमानों का परिचालन जल्द शुरू किए जाने की संभावना है. सरकार ने 2008 में देश में इन विमानों के परिचालन पर रोक लगा दी थी.
सरकार को आशंका थी कि इन दो तले विमानों की मदद से विदेशी एयरलाइंस विदेश जाने वाले यात्रियों की बड़ी संख्या अपनी ओर खींच सकती हैं. इससे भारतीय एयरलाइंस के कारोबार पर काफी असर पड़ता.
फिलहाल इन्हीं हवाई अड्डों पर विशाल क्षमता के विमानों के आवागमन को संभालने लायक सुविधा है. नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए), एयर इंडिया और भारतीय विमान पत्तन प्राधिकार के साथ विचार के बाद इनके परिचालन पर से बैन हटाया गया.
हवाई अड्डों को डीजीसीए से इसके लिए विशेष प्रमाण पत्र हासिल करना होगा और इनसे आने जाने वाले यात्रियों की सुविधा के संबंध में आवश्यक प्रबंध करना होगा. ए 380 विमान में यदि सभी सीटें इकॉनमी क्लास की लगाई जाएं तो 850 यात्री बैठ सकते हैं. लेकिन जिनमें तीन वर्गों की सीटों की व्यवस्था है, उनमें 550-600 यात्री बैठ पाएंगे.
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि ए 380 विमानों का परिचालन विभिन्न देशों के साथ द्विपक्षीय वायु सेवा समझौते (एएसए) के तहत यातायात पात्रता के मुताबिक ही होगा. इस फैसले के बाद एएसए में आव.श्यक संशोधन किए जाएंगे, क्योंकि अभी इसमें भारत में ए 380 श्रेणी के विमानों के इस्तेमाल पर पाबंदी थी.