कर्ज में डूबी देश की सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक कंपनी रुचि सोया को बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद लंबे समये से खरीदने की कोशिश कर रही है. इस कंपनी के लिए पतंजलि ने अपनी बोली 200 करोड़ रुपये बढ़ा दी है. बता दें कि रुचि सोया के पास सोयाबीन के लिए सबसे बड़ा ढांचा है. इस कंपनी के प्रमुख ब्रांडों में न्यूट्रीला, महाकोश, सनरिच, रुचि स्टार और रुचि गोल्ड शामिल हैं.
पतंजलि के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने कहा, ‘‘हम रुचि सोया को संकट से उबारने को प्रतिबद्ध हैं. हमने कंपनी के लिए अपनी बोली 4,160 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 4,350 करोड़ रुपये कर दी है. ’’ प्रवक्ता ने कहा कि हमने यह फैसला किसानों और उपभोक्ताओं सहित सभी अंशधारकों के हित को ध्यान में रखकर लिया है. सूत्रों ने बताया कि कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) अगले सप्ताह पतंजलि की संशोधित पेशकश पर विचार करेगी.
अडानी ने लगाई थी सबसे ज्यादा बोली
पतंजलि से पहले अडानी विल्मर ने बीते साल रुचि सोया को खुली बोली प्रक्रिया के जरिए खरीदा था. अडानी विल्मर ने यह डील करीब 6 हजार करोड़ रुपये में की थी, लेकिन बाद में कंपनी ने खरीद प्रक्रिया में देरी बताते हुए पीछे हटने का फैसला किया. अडानी विल्मर भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी और सिंगापुर की कंपनी विल्मर इंटरनेशनल का ज्वाइंट वेंचर है.
रुचि सोया पर करीब 12,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. दिसंबर, 2017 में इंदौर की इस कंपनी को कॉरपोरेट दिवाला निपटान प्रक्रिया के लिए भेजा गया था. राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने कंपनी के कर्जदाताओं स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और डीबीएस बैंक के आवेदन पर दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता के तहत शैलेन्द्र अजमेरा को निपटान पेशेवर नियुक्त किया था. बता दें कि रुचि सोया उन 40 कंपनियों में से एक है, जिनके खिलाफ भारतीय रिजर्व बैंक ने दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश बैंकों को दिया है.