देशभर के करीब दस लाख बैंक कर्मियों के लिए खुशखबरी है. इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) ने सार्वजनिक क्षेत्र सहित 43 बैंकों के कर्मियों के सैलरी में 15 फीसदी इजाफा करने का फैसला किया है. इसके लिए आईबीए और कर्मचारी संगठनों और अधिकारी संघों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.
वेतनमान में संशोधन एक नवंबर 2012 से लागू होगा. इसका फायदा सार्वजनिक, पुराने निजी बैंकों और कुछ विदेशी बैंकों के कर्मचारियों को होगा. वहीं 15 फीसदी सैलरी बढ़ाने से बैंकों पर 4,725 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
आईबीए के चेयरमैन टी एम भसीन ने बताया, ‘15 फीसदी सैलरी बढ़ाने से बैंकों पर वेतन वृद्धि और भत्तों के मद में एक साल में 4,725 करोड़ रुपये का बोझ आएगा. अगर रिटार्यमेंट को भी इसमें शामिल कर लिया जाए तो कुल बोझ लगभग 8,370 करोड़ रुपये होगाा.’
आपको बता दें कि अधिकारियों के लिए बेसिक सैलरी को मौजूदा 14,500-52,000 रुपये से संशोधित कर 23,700-85,000 रुपये किया जा रहा है. अधिकारियों के लिए बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 7.75 -11 फीसदी राशि के विशेष भत्ते का प्रावधान भी किया जा रहा है.
नये समझौते के तहत कर्मचारियो को मूल वेतन और महंगाई भत्ते की 7.75 फीसदी राशि भत्ते के रूप में दी जाएगी.
भसीन ने कहा कि कर्मचारियों को बकाए का भुगतान तत्काल जबकि अधिकारियों को 4-6 महीने में कर दिया जाएगा. बैंक कर्मचारियों को दूसरे और चौथे शनिवार को अवकाश भी मिलेगा.
भसीन ने कहा, ‘रिजर्व बंक ने इन (अवकाश) को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है और हमने इस बारे में सरकार को लिखा है. हमें इस बारे में अनुमति शीघ्र ही मिलने की उम्मीद है. हमें इसका कार्यान्यन 3-4 सप्ताह में होने की उम्मीद है.’ वेतनमान समझौते में सदस्य बैंकों के कर्मचारियों और उनके परिजनों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना की शुरुआत भी की जाएगी.
भसीन ने यह भी कहा कि इससे पहले प्रत्येक बैंक के स्तर पर कर्मचारियों के लिये चिकित्सा खर्च और अस्पताल में भर्ती होने पर खर्च की भरपाई की जाती रही है. अब हमने सार्वजनिक क्षेत्र की चार गैर-जीवन बीमा कंपनियों से एकीकृत बीमा पॉलिसी ले ली है. इससे परिवार के लिये तीन लाख से लेकर चार लाख रुपये तक का चिकित्सा बीमा कवर मिलेगा. भसीन ने कहा, ‘इस बीमा के तहत नकदीरहित सुविधा उपलब्ध होगी, हम उन्हें स्वयं और आश्रितों के लिये शत-प्रतिशत खर्च भरपाई उपलब्ध करा रहे हैं.’ वेतन संशोधन की इस पूरी कवायद में 11 कर्मचारी संगठन और अधिकारी संघों ने भाग लिया.
- इनपुट भाषा