वित्त वर्ष 2017-18 में कई बैंक घोटाले सामने आए हैं. भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक इन सभी घोटालों में से 85 फीसदी घोटाले सरकारी बैंकों में हुए हैं. केंद्रीय बैंक ने कहा है कि पब्लिक सेक्टर बैंको में फ्रॉड होने का खतरा सबसे ज्यादा है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने फाइनेंशियल स्टैब्लिटी रिपोर्ट (FSR) जारी की है. इसमें बताया गया है कि वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान बैंकिंग सिस्टम में 6500 फ्रॉड सामने आए. इन घोटालों की कुल वैल्यू 30 हजार करोड़ रुपये थी.
रिपोर्ट में कहा गया है, ''हाल के कुछ सालों में बैंकिंग सेक्टर में 1 लाख रुपये से ज्यादा की रकम के फ्रॉड में बढ़ोतरी हुई है. यह बढ़ोतरी न सिर्फ संख्या के स्तर पर हुई है, बल्कि घोटाले की रकम भी काफी ज्यादा बढ़ी है.''
इन घोटालों में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी सरकारी बैंकों की है. आंकड़ों के हिसाब से यह भागीदारी 85 फीसदी है. रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2018 में हुए टॉप 10 फ्रॉड ने ही बैंकों को 10 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाया है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि सबसे ज्यादा फ्रॉड लोन से सबंधित थे. हालांकि इसमें कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग फ्रॉड की काफी ज्यादा भागीदारी थी. इन फ्रॉड ने टेक्नोलॉजी आधारित बैंकिंग चैनलों की पोल खोल कर रख दी है.