सरकारी बैंकों में बार-बार होने वाली हड़ताल से इनका मैनेजमेंट परेशान है. बैंक यूनियनें पिछले दो साल से कई बार बैंकों में हड़ताल करवा चुकी हैं और इस साल भी हड़ताल का आह्वान कर दिया गया है.
सरकारी बैंकों की पहली हड़ताल 7 जनवरी को होगी. उसके बाद 21 से 24 जनवरी तक क्षेत्रवार हड़ताल का कार्यक्रम है. इसके बाद 16 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल की भी योजना है. उस महीने सालाना बुक क्लोजर होता है. हालांकि इन हड़तालों से कर्मचारियों को कोई फायदा नहीं हुआ, लेकिन वे इस पर अड़े हुए हैं. उनकी मांग वेतन बढ़ाने व अन्य सुविधाओं से जुड़ी हुई हैं.
मैनेजमेंट ने 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी का ऑफर दिया है और कहा है कि वे उससे ज्यादा नहीं दे सकते. यूनियनों का कहना है कि उनका वेतन बैंक के सकल लाभ से जुड़ा होना चाहिए न कि शुद्ध लाभ. लेकिन मैनेजमेंट को यह मंजूर नहीं है. अब देखना है कि यूनियनों का फोरम आगे क्या कदम उठाता है. इनसे ग्राहकों को काफी परेशानी होती है.