वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी बैंकों पर बड़ा ऐलान किया है. वित्त मंत्री ने कई बैंकों के विलय की घोषणा की. इसके साथ ही 10 सरकारी बैंकों को मिलाकर अब 4 बैंक कर दिए गए हैं. हालांकि ये पहली बार नहीं है, जब सरकारी बैंकों का विलय किया गया हो. इससे पहले भी मोदी सरकार कई सरकारी बैंकों का विलय कर चुकी है.
साल 2017 में पब्लिक सेक्टर के 27 बैंक थे. लेकिन पिछले 2 साल में पीएसयू बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 हो गई है. इसका मतलब है कि मोदी सरकार में दो साल में 15 सरकारी बैंकों को दूसरे बैंकों में विलय कर दिया गया.
2017 में SBI का विलय
देश में खस्ताहाल सरकारी बैंकिंग ढांचे को दुरुस्त करने के लिए केंद्र सरकार इससे पहले भी कई सरकारी बैंकों का विलय कर चुका है. इससे पहले साल 2017 में मोदी सरकार ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के पांच सब्सिडियरी बैंकों को भारतीय स्टेट बैंक में विलय कर दिया था.
इन पांच सब्सिडियरी में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद थे, जिनका एसबीआई में मर्ज हो गया था. इसके साथ ही एसबीआई देश का सबसे बड़ा बैंक बन गया था.
2018 में बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय
वहीं साल 2018 में तीन और बैंकों के विलय का ऐलान किया गया था. इन तीन बैकों में बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ देना बैंक और विजया बैंक का विलय कर दिया गया था.
2019 में भी बैंकों का विलय
वहीं अब साल 2019 में सरकार ने कुछ और सरकारी बैंकों का विलय का ऐलान किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान करते हुए बताया कि पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के साथ ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) और यूनाइटेड बैंक का विलय होगा. इसके साथ ही पंजाब नेशनल बैंक दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा.
वहीं यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का विलय होगा. इसके साथ ही यह पांचवां सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा. वहीं इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का विलय होगा. जिसके बाद यह सातवां सबसे बड़ा बैंक हो जाएगा. इसके अलावा केनरा बैंक का सिंडिकेट बैंक के साथ मर्जर होगा.
अब बचे 12 बैंक
देश में अब 12 PSBs बैंक रह गए हैं. इससे पहले साल 2017 में पब्लिक सेक्टर के 27 बैंक थे. पिछले 2 साल में पीएसयू बैंकों की संख्या अब 27 से घटकर 12 हो गई है. मर्जर के बाद पीएसयू बैंकों की संख्या 12 रह जाएगी. अब 12 बैंकों में 1. (पंजाब नेशनल बैंक+यूनाइटेड बैंक+ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स), 2. (केनरा बैंक+सिंडिकेट बैंक) 3. (इंडियन बैंक+इलाहाबाद बैंक), 4. (बैंक ऑफ इंडिया+आंध्रा बैंक+कॉरपोरेशन बैंक), 5. बैंक ऑफ इंडिया, 6. बैंक ऑफ बड़ौदा, 7. बैंक ऑफ महाराष्ट्र, 8. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, 9. इंडियन ओवरसीज बैंक, 10. पंजाब एंड सिंध बैंक, 11. भारतीय स्टेट बैंक और 12. यूको बैंक रह गए हैं.