वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर देशभर में सरकारी बैंकों के कर्मचारी आज से दो दिन की हड़ताल पर हैं. इससे बैंकों का कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है. देश की व्यावसायिक राजधानी मुंबई में बैंकिंग सेवाएं ठप पड़ गई हैं. शहर में सरकारी, निजी, कई विदेशी, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की शाखाओं में ताले लटके हुए हैं.
हड़ताल से यूपी में करीब 6,000 सरकारी बैंकों में कामकाज ठप है. सुबह से बैंक शाखाओं में ताले लटके हैं. राजधानी लखनऊ की बात करें तो यहां 350 शाखाओं के करीब 6,000 कर्मचारी हड़ताल में शामिल हैं. अनुमान है कि हड़ताल से प्रदेश में करीब 3,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बैंकिंग कारोबार प्रभावित होगा.
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) के संयोजक एम वी मुरली ने बताया कि मुख्य श्रम आयुक्त के समक्ष 6 फरवरी को भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के साथ सुलह बैठक बेनतीजा रही. बैठक में आईबीए वेतन में 10 प्रतिशत वृद्धि के प्रस्ताव में कोई सुधार लेकर नहीं आया. उन्होंने कहा कि चूंकि बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला, अत: यूएफबीयू ने 10 फरवरी से दो दिन की हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है.
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक समेत अन्य बैंकों ने हड़ताल के कारण होने वाली असुविधा के बारे में ग्राहकों को पहले से सूचित कर दिया है.
निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक तथा एक्सिस बैंक में कामकाज सामान्य रहने की संभावना है.
ऑल इंडिया स्टेट बैंक आफिसर्स फेडरेशन तथा ऑल इंडिया स्टेट बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ फेडरेशन हड़ताल में शामिल है. नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैक वर्कर्स के महासचिव अश्विनी राणा ने कहा कि बैंक प्रबंधन की पेशकश बढ़ती मुद्रास्फीति के अनुरूप नहीं है, अत: यूनियन हड़ताल पर जाने को मजबूर हैं.
इससे पहले, 14 दिसंबर को आईबीए के साथ वेतन वृद्धि के मुद्दे पर बातचीत विफल रहने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारी 18 दिसंबर को एक दिन की हड़ताल पर थे. बैंक कर्मचारियों की वेतन समीक्षा नवंबर, 2012 से लंबित है.
यूएफबीयू नौ बैंकों के कर्मचारी तथा अधिकारियों के यूनियनों का साझा मंच है. देश में सार्वजनिक क्षेत्र के 27 बैंक हैं जिनमें करीब 8 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं.