ग्रीस के बैंक तीन सप्ताह तक बंद रहने के बाद सोमवार को खुल गए. गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, एक व्यक्ति अब हर सप्ताह बैंक से एक बार में अधिकतम 420 यूरो (करीब 455 डॉलर) की निकासी कर पाएगा. सोमवार सुबह बैंक खुलते ही सभी बैंकों की शाखाओं पर पैसा निकालने के लिए पेंशनभोगियों की लंबी कतार देखी गई.
ग्रीस की बैंकिंग व्यवस्था को चरमराने से बचाने के लिए 29 जून को बैंकों में अवकाश घोषित कर दिया गया था और उसके बाद बैंक के ग्राहकों के लिए प्रतिदिन अधिकतम 60 यूरो (66 डॉलर) की निकासी करने की ही अनुमति थी. बैंकों को ग्रीस सरकार के निर्देश के मुताबिक धन देश से बाहर भेजने पर लगी रोक तथा अन्य प्रकार की पाबंदी अब भी जारी रहेगी. गौरतलब है कि एथेंस के शेयर बाजार अभी भी बंद हैं और अगली सूचना तक बंद रहेंगे.
ग्रीस के बैंक एसोसिएशन के प्रमुख लौका कत्सेली ने कहा, "पूंजी नियंत्रण और निकासी की पाबंदी जारी रहेगी, लेकिन हम एक नए चरण में प्रवेश कर रहे हैं, जिसमें हमारा अनुमान है कि स्थिति सामान्य होती जाएगी."
पेंशनभोगियों में मची पैसा निकालने की होड़
सोमवार सुबह देशभर में बैंक खुलने के कई घंटों पहले से बड़ी संख्या में पेंशनभोगियों की कतार लगना शुरू हो गई थी. ज्यादातर बैंकों में सबसे पहले पेंशनधारियों को पहले बैंक में प्रवेश दिया गया. गौरतलब है कि ग्रीस के आर्थिक संकट में पेंशन भुगतान भी सबसे बड़ी समस्य़ा में से एक है. पूरे यूरोप में ग्रीस में सबसे ज्यादा एजेड पॉप्युलेशन है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक 2050 तक ग्रीस की कुल जनसंख्या के 40 फीसदी लोग 60 साल की उम्र या उससे अधिक होंगे.
घरों में पैसा रखना सुरक्षित नहीं
बैंकों के खुलने से पहले ग्रीस के अधिकारियों ने आम लोगों से अपील की है कि वे घरों में जमा की जा रही नकदी को बैंकों में जमा कर दें. लौका कत्सेली ने रविवार को कहा, "बैंक जब फिर से खुल गए हैं और स्थिति सामान्य हो चली है, तब हम सबको अपनी अर्थव्यवस्था को सहारा देना चाहिए. यदि हम अपने धन को अपने घरों में नहीं रखकर बैंकों में जमा कर दें, तो इससे अर्थव्यवस्था की तरलता बढ़ेगी. घरों में वैसे भी धन सुरक्षित नहीं है."
वैट दरों में 77 फीसदी का इजाफा, पड़ेगी महंगाई की मार
संकट ग्रस्त ग्रीक नागरिकों के लिए बहुत से आवश्यक उत्पाद एवं सेवाओं, चीनी से लेकर कोकोआ और अंत्येष्टि सेवा महंगी हो जाएगी. सोमवार से खाद्य वस्तुओं और सार्वजनिक परिवहन पर मूल्यवर्धित कर (वैट) 23 फीसदी हो जाएगा, जो पहले 13 फीसदी था. यह उस बेलआउट शर्तो के मुताबिक होगा, जिसपर ग्रीस की यूरोजोन के साथ सहमति बनी है. कर्जदाताओं ने 86 अरब यूरो (89 अरब डॉलर) कर्ज देने पर बात करने के लिए वैट बढ़ाने की शर्त रखी थी.
सितंबर तक हो सकते हैं मध्यावधि चुनाव
सरकारी खर्चों में कटौती की शर्त पर ग्रीस के सत्ताधारी दल में ही विद्रोह हो गया है जिसके मद्देनजर प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास को शुक्रवार को सरकार में एक सीमित फेर-बदल करना पड़ा. इसके बावजूद ज्यादातर विश्लेषक और यहां तक कि सरकारी अधिकारी भी कह रहे हैं कि देश में अब मध्यावधि चुनाव जल्दी होना लगभग तय है और यह सितंबर में हो सकता है.