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स्‍पेक्‍ट्रम की निलामी के लिए आधार मूल्‍य 30 प्रतिशत घटा

दूरसंचार क्षेत्र पर गठित मंत्रिसमूह ने चार सर्कल में 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम के लिए आधार मूल्य शुक्रवार को 30 प्रतिशत तक घटा दिया. इससे सरकारी खजाने में 6,200 करोड़ रुपये आ सकते हैं.

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दूरसंचार क्षेत्र पर गठित मंत्रिसमूह ने चार सर्कल में 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम के लिए आधार मूल्य शुक्रवार को 30 प्रतिशत तक घटा दिया. इससे सरकारी खजाने में 6,200 करोड़ रुपये आ सकते हैं.

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ये चार सर्कल दिल्ली, मुंबई, कर्नाटक और राजस्थान हैं. पिछले महीने हुई स्पेक्ट्रम नीलामी में इन चारों सर्कल के लिए कोई बोली नहीं मिली.

एक सूत्र ने कहा, ‘मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) ने 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में चार सर्कल में स्पेक्ट्रम का आरक्षित मूल्य 30 प्रतिशत तक घटाने का निर्णय किया है. ये वह सर्कल हैं जहां स्पेक्ट्रम के लिये बोली नहीं मिली.’ पुरानी दरों पर अगर इन चार सर्कल में प्रत्येक में 5 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की बिक्री होती तो सरकार को न्यूनतम 8,843.55 करोड़ रुपये प्राप्त हो सकते थे.

पिछले महीने हुई नीलामी में दिल्ली सर्कल के लिए प्रति ब्लॉक आरक्षित मूल्य 693.06 करोड़ रुपये था, जबकि मुंबई, कर्नाटक और राजस्थान के लिए यह क्रमश: 678.45 करोड़ रुपये, 330.12 करोड़ रुपये और 67.08 करोड़ रुपये तय किया गया.

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मंत्री समूह ने दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में 1800 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बिक्री के साथ-साथ 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम नीलामी करने का भी निर्णय किया है.

दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘ईजीओएम की शुक्रवार को हुई बैठक में हमने चार सर्कल दिल्ली, मुंबई, कर्नाटक और राजस्थान में 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम की नीलामी करने और 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में मुंबई, कोलकाता और दिल्ली में स्पेक्ट्रम नीलामी का निर्णय किया है.’

सिब्बल ने कहा कि मूल्य निर्धारण पर निर्णय किया गया है और ‘अब हम मूल्य निर्धारण पर मंत्रिमंडल की मंजूरी लेंगे. हमने यह निर्णय भी किया है कि हम चालू वित्त वर्ष के भीतर ही नीलामी प्रक्रिया पूरी करेंगे.’ सिब्बल ने कहा कि 800 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम नीलामी पर कोई निर्णय नहीं किया गया है.

उल्लेखनीय है कि पिछले महीने हुई 2जी स्पेक्ट्रम नीलामी के प्रति दूरसंचार कंपनियों की ठंडी प्रतिक्रिया रही और सरकार महज 9,407 करोड़ रुपये के लिए बोली प्राप्त करने में सफल रही, जबकि न्यूनतम लक्ष्य 28,000 करोड़ रुपये का था.

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