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सुब्रमण्यम स्वामी ने PM मोदी को लिखा पत्र, कहा- GST पर यूपीए के फैसले का हो रिव्यू

बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर यूपीए सरकार के डाटा मैनेजमेंट और गुड्स और सर्विस टैक्स (जीएसटी) में हिस्सेदारी का हिसाब किताब एक निजी कंपनी को सौंपने के फैसले की समीक्षा करने की अपील की है.

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राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी
राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी

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बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर यूपीए सरकार के डाटा मैनेजमेंट और गुड्स और सर्विस टैक्स (जीएसटी) में हिस्सेदारी का हिसाब किताब एक निजी कंपनी को सौंपने के फैसले की समीक्षा करने की अपील की है. यूपीए सरकार ने टैक्स कलेक्शन पर नियंत्रण के लिए गुड्स और सर्विस टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) बनाया था जिसका जिक्र इस खत में किया गया है.

स्वामी ने इस पत्र में कहा है कि इस संवेदनशील काम को प्राइवेट कंपनी को सौंपकर पिछली सरकार ने बड़ी चलाकी से काम लिया. जीएसटीएन एक गैर सरकारी कंपनी है जिसे केंद्र व राज्यों ने स्थापित किया है. यह कंपनी इसलिए बनाई गई है ताकि केंद्र व राज्य सरकारों, करदाताओं व अन्य भागीदारों को साझा आईटी बुनियादी ढांचा व सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें.

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मानसून सेशन के दौरान संसद में अपनी चुप्पी को लेकर स्वामी वैसे भी काफी चर्चा में रहे हैं, लेकिन निजी रूप से उन्होंने इस खत के माध्ययम से जीएसटी पर अपना विरोध जता दिया है. पार्टी व्हिप में बंधे स्वामी ने राज्यसभा में यूं तो बिल के पक्ष में ही वोट दिया था. लेकिन पीएम को खत लिखकर उन्होंने ये साफ कर दिया कि इस बिल पर गृहमंत्री ने उनसे कोई सलाह नहीं ली, ना ही एक प्राइवेट कंपनी को ये संवेदनशील काम सौंपने से पहले उनसे पूछा गया. उनका कहना था कि इतना संवेदनशील डेटा किसी प्राइवेट कंपनी को सौंपना सही नहीं है. हालांकि टीएमसी सांसद सुगतो रॉय के इसी बात पर ऐतराज जताने को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी पर पिछली सरकार के पक्ष का समर्थन किया था.

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