ग्लोबल चुनौतियों और कॉर्पोरेट मुनाफे में नरमी के वजह से आने वाले समय में भारतीय शेयर बाजार सीमित दायरे में रह सकता है. यह बात मंगलवार को बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफा-एमएल) ने अपनी रिपोर्ट में कही. वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी के मुताबिक भारतीय बाजारों को सोमवार को अब का सबसे बड़ा झटका झेलना पड़ा और सेंसेक्स में 1,624 अंक की गिरावट दर्ज हुई.
निवेशकों के सात लाख करोड़ रुपए डूबे
ऐसा मुख्य तौर पर चीन से जुड़ी चिंता की वजह से हुआ. बंबई शेयर बाजार का सूचकांक सेंसेक्स 24 अगस्त को 1,624.51 अंक लुढ़का जो एक दिन में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट रही और कुछ ही घंटों में निवेशकों के सात लाख करोड़ रुपए का सफाया हो गया.
1990 के बाद से 27वीं बड़ी गिरावट
बोफा-एमएल ने कहा कि प्रतिशत के लिहाज से कल की गिरावट 1990 से लेकर अब तक यह सिर्फ 27वीं बड़ी गिरावट थी. इस तेज गिरावट के बाद निकट भविष्य में बाजार में तेजी की संभावना के बारे में रिपोर्ट में कहा गया कि पिछले 35 साल में आए 50 ऐसे भारी गिरावट मौकों के विश्लेषण का नतीजा मिला-जुला रहा.