लंबी बहस के बाद यूरोपीय संघ (ईयू) की संसद ने ब्रेक्जिट समझौते को मंजूरी दे दी है. इस मंजूरी के बाद अब ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर निकल जाएगा. इस वजह से भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आई है. सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन सेंसेक्स करीब 285 अंकों की गिरावट के साथ 40,913.82 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी भी 94 अंक टूटकर 12,035.80 के स्तर पर बंद हुआ.
कारोबार के अंत में बीएसई इंडेक्स...
- इससे पहले दोपहर बाद सेंसेक्स और निफ्टी में बिकवाली बढ़ गई. सेंसेक्स 300 अंक से अधिक जबकि निफ्टी 100 अंक से ज्यादा लुढ़क गया. वहीं सुबह 11 बजे सेंसेक्स में 250 अंक तक की गिरावट आई और यह 41 हजार के नीचे कारोबार करता दिखा. वहीं निफ्टी की बात करें तो यह 85 अंक लुढ़क कर 12 हजार 45 अंक पर रहा.
- इससे पहले कारोबार के शुरुआती मिनटों में सेंसेक्स 150 अंक से अधिक लुढ़क गया तो वहीं निफ्टी ने भी पिछले कारोबारी दिन के मुकाबले 50 अंकों की बढ़त गंवा दी. इस दौरान सेंसेक्स 41 हजार 100 अंक के नीचे और निफ्टी 12, 080 अंक के स्तर पर कारोबार करता दिखा. बजट हफ्ते में ये तीसरा कारोबारी दिन है जब भारतीय बाजार में सुस्ती देखी गई है. यहां बता दें कि 1 फरवरी को देश का आम बजट पेश होने वाला है.
सुबह 9.35 बजे बीएसई इंडेक्स का हाल
इससे पहले सप्ताह के तीसरे कारोबारी दिन बुधवार को सेंसेक्स 231.80 अंकों की तेजी के साथ 41,198.66 पर और निफ्टी 73.70 अंकों की तेजी के साथ 12,129.50 पर बंद हुआ. दिन भर के कारोबार में सेंसेक्स ने 41,334.86 के ऊपरी स्तर और 41,108.19 के निचले स्तर को छुआ. वहीं निफ्टी की बात करें तो दिन भर के कारोबार में 12,169.60 ऊपरी स्तर और 12,103.80 के निचले स्तर को टच किया. वहीं शुरुआती दो कारोबारी दिन- सोमवार और मंगलवार को सेंसेक्स 645 अंक तक लुढ़का था.
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यूरोपीय संघ से बाहर हुआ ब्रिटेन
यूरोपीय संसद में ब्रेक्जिट समझौता के पक्ष में 621 मत पड़े तो खिलाफ में 49 वोट पड़े. इसी के साथ यूरोपीय संघ से ब्रिटेन की विदाई को मंजूरी दे दी गई है. यह ब्रेक्जिट समझौता ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने पिछले वर्ष यूरोपीय संघ के अन्य 27 नेताओं के साथ बातचीत करके किया था.
ब्रिटेन में जून 2016 में यूरोपीय संघ से निकलने पर निर्णय के लिए जनमत संग्रह हुआ था. बहरहाल, ईयू से अलग होने के बाद, ब्रिटेन इस साल के आखिर तक ईयू की आर्थिक व्यवस्था में रहेगा, लेकिन किसी नीति को लेकर वह कोई राय नहीं दे पाएगा. यहां बता दें कि भारत, ब्रिटेन में निवेश करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है. इसके अलावा द्विपक्षीय व्यापर करने वाले देशों की गिनती में ब्रिटेन 12वें नबर पर आता है.