scorecardresearch
 

शेयर बाजार में लंबी अवधि के निवेश पर नहीं मिलेगी कर छूट

बंबई शेयर बाजार (बीएसई) ने शेयर सौदों के जरिये की जाने वाली मनी लांड्रिंग और कर चोरी को रोकने के लिए शेयरों में दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर दी जाने वाली कर छूट समाप्त करने का सुझाव दिया है. बीएसई ने वित्त मंत्रालय को एक पत्र भेजकर इस तरह का सुझाव दिया है.

Advertisement
X
File Image
File Image

बंबई शेयर बाजार (बीएसई) ने शेयर सौदों के जरिये की जाने वाली मनी लांड्रिंग और कर चोरी को रोकने के लिए शेयरों में दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर दी जाने वाली कर छूट समाप्त करने का सुझाव दिया है. बीएसई ने वित्त मंत्रालय को एक पत्र भेजकर इस तरह का सुझाव दिया है.

Advertisement

बीएसई का यह सुझाव पूंजी बाजार नियामक सेबी द्वारा इस सिलसिले में सैंकड़ों इकाइयों पर कारवाई करने के मद्देनजर आया है. सेबी ने पाया कि ये इकाइयां शेयर सौदों में कालेधन का इस्तेमाल कर शेयर बाजार के मंच का दुरुपयोग कर रही है साथ ही करों की भी चोरी कर रही हैं.

बीएसई के लघु, मझोले उद्यम (एसएमई) मंच का भी इसके लिये इस्तेमाल किया जा रहा है. बीएसई ने कहा कि शेयर सौदों में दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर में मिली छूट की वजह से इस तरह की घटनायें हो रहीं हैं. वर्तमान, में एक साल से अधिक समय तक शेयर निवेश रखे रहने पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर नहीं लगाया जाता है.

बीएसई के मुताबिक इन मामलों में जानी-पहचानी इकाइयों को तरजीही शेयर आवंटन किया जाता है. गैर-प्रर्वतकों पर एक साल के लिए इन शेयरों के कारोबार पर प्रतिबंध (लॉक-इन) होता है जबकि प्रवर्तक तीन साल तक के लिए इन शेयरों का कारोबार नहीं कर सकते. इसके बाद एक्सचेंज की निगरानी से नजर बचाकर साल भर की लाक-इन अवधि खत्म होने तक थोड़ी बहुत मात्रा में कारोबार के जरिए चोरी-चोरी शेयर का मूल्य बढ़ता है.

Advertisement

बीएसई ने कहा लॉक इन अवधि रहित प्रतिभूतियों के मामले में इकाइयां प्रतिभूति कारोबार कर के रूप में मामूली भुगतान कर शेयर बाजार के जरिए कारोबार करती हैं और दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर से छूट का फायदा उठाती हैं.

Advertisement
Advertisement