scorecardresearch
 

अर्थव्यवस्था सुस्त: मंत्रालयों के बजट में हो सकती है 24 फीसदी कटौती

अर्थव्यवस्था की सुस्ती को देखते हुये खर्चों में कटौती के सरकार के प्रयासों के बीच विभिन्न मंत्रालय इसकी तैयारी में लगे हैं और माना जा रहा है कि 2013-14 में मंत्रालयों के बजट में 24 प्रतिशत तक की कटौती हो सकती है.

Advertisement
X

अर्थव्यवस्था की सुस्ती को देखते हुये खर्चों में कटौती के सरकार के प्रयासों के बीच विभिन्न मंत्रालय इसकी तैयारी में लगे हैं और माना जा रहा है कि 2013-14 में मंत्रालयों के बजट में 24 प्रतिशत तक की कटौती हो सकती है.

Advertisement

विभिन्न मंत्रालयों को मिले संकेतों के अनुसार वित्त मंत्रालय अर्थव्यवस्था की खराब सेहत के मद्देनजर उनके वाषिर्क बजट में कटौती करने जा रहा है. एक केंद्रीय मंत्री ने अपना नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘वित्त मंत्रालय और योजना आयोग ने कहा है कि सभी मंत्रालयों के बजट में 24 प्रतिशत तक की कटौती होगी.’

बजट में कटौती की संभावना के बारे में पूछे जाने पर ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि इससे बचा नहीं जा सकता है. मंत्रालयों को जो मिलेगा उन्हें उसमें ही काम करना होगा. हालांकि, रमेश का रुख इस मामले में सहमति वाला लगा. लेकिन मीडिया खबरों में कहा गया है कि उन्होंने वित्त मंत्री पी चिदंबरम को पत्र लिखकर उनसे मंत्रालय के बजट में कटौती नहीं करने का आग्रह किया है.

ग्रामीण विकास मंत्रालय को 2012-13 में 85,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था. आदिवासी मामलों के मंत्री वी किशोर चंद्र देव ने हालांकि इस पर विशेष टिप्पणी नहीं की, लेकिन उन्होंने कहा कि यदि बजट में इतनी भारी कटौती की जाती है, तो इसमें कुछ करने के लिए नहीं बचेगा. आदिवासी मामलों के मंत्रालय को चालू वित्त वर्ष के लिए 4,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित हुआ है.

Advertisement

देव ने कहा कि सामाजिक क्षेत्र के मंत्रालयों के बजट में कटौती नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इनके लिए सालाना आवंटन वैसे की काफी कम होता है. उन्होंने कहा, ‘आप आदिवासी मामलों तथा अन्य सामाजिक क्षेत्रों का बजट घटाकर कितना हासिल कर पाएंगे. इससे ये मंत्रालय सामाजिक अंतर को पाटने के अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएंगे.’ इस मुद्दे पर देव पहले ही वित्त मंत्री पी चिदंबरम तथा योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया को पत्र लिख चुके हैं.

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भी बजट में कटौती के लिए तैयार है. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वित्त मंत्रालय उनसे पहले ही चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में संशोधित अनुमान का सिर्फ 33 फीसदी खर्च करने को कह चुके है.

रक्षा मंत्रालय के भी चालू वित्त वर्ष के 1.93 लाख करोड़ रुपये के आवंटन में बजट अनुमान में 12,000 करोड़ रुपये की कटौती की गई है. इसके अलावा मंत्रालय की चालू वित्त वर्ष के लिए 40,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त मांग को भी वित्त मंत्रालय ठुकरा चुका है.

Advertisement
Advertisement