भले ही वित्त मंत्री अरुण जेटली संसद में बजट भाषण पढ़ें, लेकिन यह बात करीब-करीब साफ हो गई है कि यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ही होगा. इस बार प्रधानमंत्री बजट में सीधे तौर पर दिलचस्पी ले रहे हैं और उन्होंने तमाम बड़े मुद्दों पर वित्त मंत्री को अपनी राय बता दी है.
बीते करीब एक महीने से प्रधानमंत्री से जुड़े कई अफसर लगातार वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के संपर्क में थे. आम लोगों के लिए कुछ अहम फैसलों की उम्मीद इस बजट से की जा रही है.
कैशलेस स्वास्थ्य बीमा योजना
अभी जिस तरह से कॉरपोरेट सेक्टर में नौकरी करने वालों को अस्पताल में कैशलेस बीमा मिलता है, उसी तर्ज पर हर नागरिक को बीमा देने पर सरकार विचार कर रही है. इसकी शुरुआत सीनियर सिटिजन्स से की जा सकती है. दरअसल बैंकों और बीमा कंपनियों में 10 हजार करोड़ रुपये की रकम पड़ी हुई है, जिस पर किसी ने दावा नहीं किया है. इसी रकम की मदद से यह बीमा योजना शुरू करने का प्रस्ताव है. स्कीम के तहत 60 साल से ज्यादा उम्र वालों को 50 हजार रुपये का सालाना हेल्थ कवरेज मिलेगा. इस बीमा का 90 फीसदी प्रीमियम सरकार देगी.
महंगाई पर लगाम के लिए फंड
पिछले साल दाल, प्याज और सरसों के तेल जैसी चीजों के दाम में अचानक बढ़ोतरी से सरकार को खासी फजीहत झेलनी पड़ी. वो भी तब जब 3-4 चीजों को छोड़कर ज्यादातर के दाम या तो स्थिर रहे या कम हुए. पिछले बजट में सरकार ने 500 करोड़ का प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड बनाया था. उम्मीद है कि वित्तमंत्री इसमें दोगुने तक बढ़ोतरी कर सकते हैं. ताकि दाल या ऐसी तमाम जरूरी चीजों के दाम बढ़ने पर सरकार फौरन कार्रवाई कर सके.
कार्ड या ऑनलाइन पेमेंट पर छूट
क्रेडिट या डेबिट कार्ड से पेमेंट करने पर टैक्स छूट का एलान हो सकता है. ये छूट सामान पर लगने वाले वैट का 1 से 2 फीसदी तक हो सकता है. कैश की बजाय कार्ड और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए यह प्रस्ताव काफी समय से लटका हुआ है. उम्मीद की जा रही है कि इस बार इसे हरी झंडी मिल सकती है.
बड़ी संख्या में बनेंगे सस्ते घर
2012 तक देश में हर परिवार को घर देने के वादे पर अमल की शुरूआत यह बजट हो सकता है. ये मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक माना जाता है. सरकार बड़ी संख्या में EWS और LIG मकान बनाने का टारगेट रख सकती है. ये मकान उन गरीब परिवारों को ही दिए जाएंगे, जिनके पास अभी अपना कोई घर नहीं है.