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नीति आयोग के VC ने बताया GDP पर इसलिए कॉन्फिडेंट है सरकार

आजतक के इसी सवाल के जवाब में नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने दो अहम कारण बताए जिसे आधार बनाकर केन्द्र सरकार अपना कॉन्फिडेंस जाहिर कर रही है कि आने वाले दिनों में देश एक बार फिर दुनिया की सबसे तेज दौड़ने वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा.

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इसलिए बढ़ जाएगी विकास दर
इसलिए बढ़ जाएगी विकास दर

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वार्षिक बजट से पहले केन्द्र सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण में  तेज ग्रोथ का दावा किया गया है. जहां मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान देश की जीडीपी विकास दर 6 से 6.5 फीसदी रहने की उम्मीद जताई गई है वहीं अगले वित्त वर्ष के दौरान यह बढ़कर 7 से 7.5 फीसदी तक पहुंचने की बात कही गई है. हालांकि मौजूदा समय में नोटबंदी और जीएसटी के दबाव में चल रही अर्थव्यवस्था कैसे मजबूत आर्थिक आंकड़े देगी यह सवाल बना हुआ है.

आजतक के इसी सवाल के जवाब में नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने दो अहम कारण बताए जिसे आधार बनाकर केन्द्र सरकार अपना कॉन्फिडेंस जाहिर कर रही है कि आने वाले दिनों में देश एक बार फिर दुनिया की सबसे तेज दौड़ने वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा.

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राजीव कुमार ने बिजनेस टुडे के मैनेजिंग एडिटर राजीव दुबे से कहा कि देश में तेज आर्थिक ग्रोथ को ड्राइव करने के लिए दो इंजन बेहद अहम हैं. राजीव कुमार के मुताबिक इससे पहले भी जब देश की अर्थव्यवस्था इन्हीं दो इंजन के सहारे तेज रफ्तार देने में सफल हुई थी. ये दो इंजन में देश का एक्सपोर्ट और देश में निजी क्षेत्र से होने वाला निवेश शामिल है.

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राजीव कुमार ने कहा कि इन दोनों इंजन पर आर्थिक ग्रोथ निर्भर है. बीते कुछ साल में दोनों ठप पड़े थे. लेकिन अब बीते तिमाही और मौजूदा दौर में ये दोनों चीजे बदल चुकी हैं. वैश्विक व्यापार बहुत तेजी से बढ़ रहा है. निर्यात के क्षेत्र में सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं लिहाजा आने वाले महीनों में हमारा निर्यात एक बार फिर 20 फीसदी तक पहुंच  जाएगा और देश में ग्रोथ रेट 7 फीसदी के ऊपर चली जाएगी.

वहीं निजी निवेश का इंजन भी रफ्तार पकड़ने के संकेत दे रहा है. निजी निवेशकों का सेंटिमेंट बदल चुका है. हमारे निवेश के तौर-तरीके बदल चुके हैं. लिहाजा पूरी उम्मीद है कि हमारी निवेश साइकिल तेज होगी और विकास दर में वह बड़ा योगदान करने लगेगी.

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हालांकि निजी निवेश में बड़ा बदलाव कब तक होगा के सवाल पर राजीव कुमार ने कहा कि कुछ सेक्टर्स में कपैसिटी युटिलाइजेशन कम है लेकिन कई सेक्टर में तेज सुधार हो रहा है. हमारे कैपिटल गुड्स के आयात भी तेज हैं. टेक्सटाइल में बड़े सुधार की संभावना है. हालांकि राजीव कुमार ने कहा कि बीते कुछ दिनों में नोटबंदी और जीएसटी लागू होने से निजी निवेश को नुकसान पहुंचा था लेकिन एक बार फिर सुधार होना शुरू हो चुका है. और आने वाले दिनों में देश को तेज रफ्तार देने के लिए ये दोनों ग्रोथ इंजन अपनी पूरी क्षमता पर काम करने लगेंगे.

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