इस साल वित्त मंत्री अरुण जेटली 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले आखिरी पूर्ण बजट पेश करने वाले हैं. लोकसभा चुनाव के पहले आ रहे इस बजट के लोकलुभावन होने की उम्मीद जताई जा रही है. ऐसे में यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि इस बजट में रोजगार को बढ़ाने पर भी जोर होगा. रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार इस बजट में देश की पहली रोजगार नीति की घोषणा कर सकती है.
तैयार करेगी रोडमैप
इस बजट में मोदी सरकार देश में रोजगार पैदा करने का रोडमैप तैयार कर सकती है. इसके लिए राष्ट्रीय रोजगार नीति में आर्थिक, सामाजिक और श्रम नीतियों को ध्यान में रखकर प्रस्ताव रखे जाएंगे. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार रोजगार नीति के जरिये न सिर्फ रोजगार के ज्यादा मौके पैदा करने का इंतजाम करेगी, बल्कि वह नौकरियां देने वालों को प्रोत्साहन (इंसेंटिव) देने का इंतजाम भी कर सकती है.
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छोटे कारोबारियों को मिलेगा फायदा
रिपोर्ट के मुताबिक इस नीति में छोटे और मंझोले कारोबारियों को बढ़ावा देने के लिए उनकी मदद की खातिर रूपरेखा भी तैयार की जाएगी. इसके जरिये सरकार की कोशिश युवाओं को जरूरी रोजगार मुहैया करना है. यह नीति अलग-अलग सेक्टर में ज्यादा से ज्यादा रोजगार पैदा हों, इस पर फोकस करेगी. नीति में एक कोशिश यह भी की जाएगी कि ज्यादा से ज्यादा रोजगार संगठित क्षेत्र में हों, ताकि ज्यादा लोग इस क्षेत्र से जुड़ सकें.
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सिर्फ कम रोजगार ही नहीं, बल्कि बजट के बाद राज्यों में चुनाव होने हैं. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव भी नजदीक है. ऐसे में सरकार की कोशिश लोकलुभावन बजट लाने की हो सकती है. अगर ऐसा होता है, तो रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार बजट में जरूर अहम प्रावधान करेगी.