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बजट 2019: सार्वजनिक बैंकों को राहत! मिल सकती है 30,000 करोड़ की पूंजी

आगामी बजट में वित्त मंत्री पब्लिक सेक्टर के बैंकों के लिए करीब 30,000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा कर सकती हैं. संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो चुकी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी 5 जुलाई को मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट पेश करेंगी.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से है बैंकिंग सेक्टर को उम्मीद
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से है बैंकिंग सेक्टर को उम्मीद

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परेशान सार्वजनिक बैंकों को राहत देने के लिए सरकार बजट में बड़ा कदम उठा सकती है. आगामी बजट में वित्त मंत्री पब्लिक सेक्टर के बैंकों के लिए करीब 30,000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा कर सकती हैं, ताकि वे नियम के मुताबिक न्यूनतम पूंजी जरूरत को पूरा कर सकें.

संसद के बजट सत्र की शुरुआत सोमवार यानी 17 जून से हो चुकी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी 5 जुलाई को मोदी सरकार 2.0 का पहला पूर्ण बजट पेश करेंगी. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के नेतृत्व की एक बड़ी परीक्षा होगी, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था 2018-19 में 5 साल के निचले स्तर पर आ गई है, जीडीपी में सिर्फ 6.8 फीसदी की बढ़त हुई है. इस साल के बजट से अगले पांच साल के लिए अर्थव्यवस्था की एक दिशा तय हो सकती है.

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बैंकों की सेहत सुधारने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए फंड का आवंटन काफी महत्वपूर्ण है. फंसे कर्जों, बड़े डिफाल्ट के मामलों और नकदी संकट जैसी कई समस्याओं से बैंक जूझ रहे हैं.

फिलहाल सरकार के नियंत्रण वाले पांच बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के प्रॉम्पट करेक्टिव एक्शन (PCA) के तहत लाया गया है जिसमें उनको बासेल 3 मानक के मुताबिक एक न्यूनतम नियामक पूंजी अनुपात की जरूरत होती है. सरकारी स्वामित्व वाले बैंकों को अपने कर्ज में बढ़त के लिए फंड की जरूरत होती है.

पिछले हफ्ते सीतारमण ने वित्तीय क्षेत्र और पूंजी बाजार के प्रमुख लोगों से बजट पूर्व चर्चा की है. इनमें रिजर्व बैंक के उप गवर्नर एन.एस. विश्वनाथन भी थे. एक अधि‍कारी के मुताबिक, इस बैठक में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए एक समर्पित नकदी व्यवस्था, छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दरों की समीक्षा और बैंकों फंसे कर्जों या एनपीए पर चर्चा हुई.

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि इस बैठक में सार्वजनिक बैंकों में पूंजी प्रवाह और एक अलग बॉन्ड एक्सचेंज बनाने जैसे मसलों पर भी चर्चा हुई है.

गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान सरकार ने सार्वजनिक बैंकों में 1,06,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाली थी, जो कि इसके पिछले वर्ष की तुलना में काफी ज्यादा था.

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आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, बैंक क्रेडिट में 14.88 फीसदी की वृद्धि हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह आर्थिक विकास और रोजगार बढ़ाने के मसलों का समाधान करने के लिए दो मंत्रिमंडलीय समितियों की नियुक्ति की थी.

(www.businesstoday.in से साभार)

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