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Budget 2022: स्वास्थ्य, शिक्षा, रक्षा पर कितना खर्च होगा? समझें कैसा रहा मोदी सरकार का बजट

Budget 2022 Nirmala Sitharaman: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट आज पेश हो गया. इस बजट में आम आदमी को राहत नहीं मिली है. कोरोना के चलते मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हुआ है, इसलिए सरकार ने नेशनल टेलीमेंटल हेल्थ प्रोग्राम शुरू करने की घोषणा की है.

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निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश किया. (फोटो-PTI)
निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट पेश किया. (फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इस साल 39.44 लाख करोड़ खर्च करेगी सरकार
  • स्वास्थ्य मंत्रालय को 86,606 करोड़ का फंड
  • रक्षा मंत्रालय को 5.25 लाख करोड़ रुपये मिले

Budget 2022 Nirmala Sitharaman: मोदी सरकार का कोरोना काल का दूसरा बजट आज पेश हो गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि इस बजट से अगले 25 साल की बुनियाद रखी जाएगी. उन्होंने कहा कि इस साल भारत की अर्थव्यवस्था में 9.2 फीसदी से भी ज्यादा ग्रोथ होने का अनुमान है, जो दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ऊपर है.

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आंकड़े बताते हैं कि कोरोना महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था को बहुत बड़ा झटका लगा था. देश की जीडीपी में 7.7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. उसके बाद फिर तेजी आई और अर्थव्यवस्था कोरोना से पहले वाले दौर में पहुंच गई. 

आर्थिक सर्वे में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश की 2021-22 में देश की जीडीपी स्थिर मूल्यों पर 147.53 लाख करोड़ रुपये रही. इससे पहले 2019-20 में जीडीपी 145.69 लाख करोड़ रुपये थी. 

जीडीपी के बाद अब अगर बजट की बात करें तो 2022-23 में सरकार ने 39.44 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी. ये अनुमानित खर्चा है. पिछली बार सरकार ने बजट में 34.83 लाख करोड़ रुपये खर्च का अनुमान लगाया था. हालांकि, अब इसमें संशोधन हो गया है और ये खर्च 37.70 लाख करोड़ रुपये हो गया है. कोरोना महामारी के चलते सरकार के खर्च में भारी बढ़ोतरी हुई है. 

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पिटारे से इस बार रक्षा के लिए 5.25 लाख करोड़ रुपये का बजट निकला है. पिछले बजट में रक्षा मंत्रालय को 4.78 लाख करोड़ रुपये दिए गए थे. पिछले साल की तुलना में इस साल रक्षा बजट में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. सरकार ने बजट में आत्मनिर्भर भारत पर जोर दिया है. निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है कि बजट का 68% हिस्सा घरेलू उद्योग से खरीद के लिए रखा गया है. यानी, इस पैसे से देश की ही रक्षा कंपनियों से हथियार खरीदे जाएंगे.

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शिक्षा क्षेत्र में इस बार सरकार की ओर से कई अहम घोषणाएं की गई हैं. डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि कोरोना के चलते हुए पढ़ाई में नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री ई-विद्या स्कीम के तहत फ्री चैनल 12 से बढ़ाकर 200 किए जाएंगे. सभी राज्यों में रीजनल भाषाओं में कक्षा 1 से 12 तक के लिए 200 फ्री टीवी चैनल्स से पढ़ाई होगी. शिक्षा मंत्रालय का बजट इस बार 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है.

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कोरोना ने सबसे ज्यादा स्वास्थ्य के क्षेत्र को प्रभावित किया है. इस बार स्वास्थ्य मंत्रालय के लिए केंद्र ने 86,606 करोड़ रुपये का बजट रखा है. ये 2021-22 की तुलना में 16 फीसदी ज्यादा है. वित्त मंत्री ने कहा कि महामारी ने सभी के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया है, इसलिए नेशनल टेलीमेंटल हेल्थ प्रोग्राम को शुरू किया जाएगा. उन्होंने बताया कि सरकार देशभर में 23 मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों को स्थापित करेगी.

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सरकार की 1 रुपये की कमाई में 35 पैसा उधार का

सरकार को आमदनी टैक्स और ड्यूटी से होती है. जबकि, उसका खर्च योजनाओं, राज्यों को देने, सब्सिडी देने, पेंशन देने और डिफेंस वगैरह पर खर्च होता है. आमतौर पर सरकार का खर्च उसकी आमदनी से ज्यादा होता है. इस अंतर को दूर करने के लिए सरकार कर्ज लेती है. 

बजट दस्तावेज के मुताबिक, सरकार की 1 रुपये की कमाई में 35 पैसा उधार का है. वहीं, उसका 20 पैसा ब्याज का भुगतान करने में चला जाता है. सरकार की कमाई में 15 पैसा आम आदमी के इनकम टैक्स का होता है, लेकिन बजट में इसे ही कुछ राहत नहीं मिली. 

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लेकिन आम आदमी को राहत नहीं

बजट में आम आदमी को इनकम टैक्स में राहत मिलने की उम्मीद थी. हालांकि, ऐसा नहीं हुआ. बजट में इनकम टैक्स को लेकर कोई घोषणा नहीं होने पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया कि दो साल से टैक्स नहीं बढ़ा है, यही बड़ी राहत की बात है. सरकार ने इनकम टैक्स में तो कोई राहत नहीं दी है. उल्टा क्रिप्टोकरंसी से इनकम पर 30 फीसदी टैक्स और लगा दिया है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बजट को अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला बजट बताया है.

 

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