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टैक्स...टैक्स और टैक्स...बुधवार को संसद में वित्त मंत्री के बजट पेश करने के बाद पूरे देश में इनकम टैक्स में मिली छूट का शोर गूंज गया. लेकिन लोगों के कानों तक शोर अपने साथ कंफ्यूजन भी लेकर पहुंचा. इसके बाद देशभर में टैक्सपेयर्स पुराने और नए टैक्स रिजीम के स्लैब की तुलना करने के लिए अपने मोबाइल फोन के कैलकुलेटर पर बिजी हो गए. अपनी इनकम के अनुसार, जोड़-घटाव करने लगे और अधिकतर इसमें उलझते ही चले गए... कुल मिलाकर हाल थ्री इडियड फिल्म के गाने वाला हो गया... कंफ्यूजन ही कंफ्यूजन है...सॉल्यूशन का पता नहीं.... तो चलिए आपके हर कंफ्यूजन के अब दूर कर दिया जाए...
7 लाख की इनकम टैक्स फ्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई टैक्स व्यवस्था में सुधार किया है और नए इनकम टैक्स स्लैब की घोषणा की है. नई टैक्स व्यवस्था के तहत इनकम टैक्स स्लैब की संख्या को 6 से 5 कर दिया गया है. नए स्लैब के तहत 7 लाख रुपये तक की इनकम पूरी तरह से टैक्स फ्री है. लेकिन नए टैक्स रिजीम को चुनते वक्त टैक्सपेयर्स को इस बात ध्यान रखना होगा कि उन्हें किसी भी तरह के डिडक्शन का लाभ नहीं मिलेगा. ओल्ड टैक्स रिजीम में 80C के तहत निवेश पर 1.5 लाख रुपये तक का छूट और डिडक्शन का लाभ मिलता है. नई टैक्स व्यवस्था में इसे खत्म कर दिया गया है.
टैक्स का प्रावधान
नए टैक्स रिजीम में 0 से 3 लाख रुपये तक की इनकम पर शून्य टैक्स का प्रवाधान है. 3 से 6 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसदी, 6 से 9 लाख रुपये तक आय पर 10 फीसदी, 9 से 12 लाख रुपये की आय पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख की आय पर 20 फीसदी और 15 लाख से ऊपर की आय 30 फीसदी इनकम टैक्स देना होगा.
अब एक बार ओल्ड टैक्स रिजीम के स्लैब को भी समझ लेते हैं.
नए और पुराने टैक्स स्लैब में अंतर
जब आप पुराने टैक्स स्लैब को चुनते हैं और किसी भी तरह का डिडक्शन क्लेम (HRA, EPF, PPF, NPS, SSY, School Fees) नहीं करते हैं, तब आपके लिए नए टैक्स रिजीम में जाने पर अधिक फायदा होगा. जैसे- पुराने टैक्स रिजीम के तहत 3 से 6 लाख रुपये तक की इनकम पर 22,500 रुपये का टैक्स लगता था. नई टैक्स व्यवस्था के तहत ये घटकर 15,000 रुपये हो जाएगा. यानी आपको 7,500 रुपये का सीधा फायदा होगा.
6 से 9 लाख रुपये की आमदनी पर पहले 60 हजार रुपये का टैक्स लगाता था, जो अब कम होकर 45,000 रुपये हो गया है. यहां भी टैक्सपेयर्स को नए रिजीम में 15 हजार रुपये का फायदा मिलेगा.
9 से 12 लाख रुपये की इनकम पर एक लाख 15 हजार रुपये का टैक्स लगता था, जो नई टैक्स व्यवस्था के तहत कम होकर 90 हजार रुपये हो जाएगा. यहां भी टैक्सपेयर्स को 25 हजार रुपये का फायदा मिलेगा. 12 से 15 लाख रुपये की कमाई पर एक लाख 87 हजार 500 रुपये का टैक्स देना पड़ता था, जो अब कम होकर 1,50,000 रुपये हो जाएगा. यहां भी टैक्सपेयर्स को 37,000 रुपये से अधिक का फायदा है.
फायदे और नुकसान
पुराने टैक्स रिजीम के तहत टैक्सपेयर्स को 80C के तहत निवेश पर छूट मिलती है. लेकिन ये भी ध्यान रखना होगा कि नए टैक्स रिजीम के मुकाबले पुराने के स्लैब काफी अधिक हैं. इसमें 10 लाख रुपये से ऊपर की आमदनी पर सीधे 30 फीसदी टैक्स का लगता है. वहीं, नए में 12 से 15 लाख रुपये तक की आय 20 फीसदी टैक्स स्लैब के दायरे में आएगी.
लेकिन नए टैक्स स्लैब चुनते वक्त टैक्सपेयर्स को इस बात का ध्यान रखना होगा कि अगर सालाना आमदनी एक सात लाख से एक रुपये भी अधिक हुई थी, तो उन्हें पूरा 25,000 रुपये का भुगतान टैक्स के रूप में करना होगा. अगर मान लीजिए कि आपकी सालाना इनकम सात लाख एक रुपये है. ऐसे में तीन लाख रुपये की आमदनी पर किसी भी तरह के टैक्स पर प्रावधान नहीं है. इसलिए सात लाख में से तीन लाख रुपये टैक्स फ्री हो जाएगी. (7,00,000-3,00,000=4,00,000)
एक रुपया अधिक पड़ जाएगा भारी
अब चार लाख रुपये की राशि टैक्सेबल होगी. लेकिन ये राशि पर दो टैक्स स्लैब के दायरे में आएगी. तीन लाख रुपये पर पांच फीसदी का टैक्स लगेगा. (3,00,000%5= 15,000), फिर बाकी के एक लाख रुपये की राशि 10 फीसदी टैक्स स्लैब के दायरे में आएगी. 1,00,000%10=10,000 रुपये. इस तरह से (15,000+10,000=25,000) कुल 25,000 रुपये की राशि टैक्स के रूप में आपको देनी पड़ेगी.
पुराने रिजीम के लिए फॉर्म भरना होगा
सरकार ने कहा है कि अगर आपकी सालाना आमदनी सात लाख रुपये से अधिक है, तो आप खुद ब खुद नई टैक्स रिजीम में दाखिल हो जाएंगे. अगर कोई इसमें शिफ्ट नहीं होना चाहता है, तो उसे फॉर्म भरना पड़ेगा. पहले नई टैक्स रिजीम को चुनने के लिए टैक्स भरना पड़ता था.