देश का बजट बेशक वित्त मंत्री अरुण जेटली पेश करेंगे, लेकिन घर का बजट बनाने और संभालने में देश की आधी आबादी यानी महिलाओं का योगदान अहम होता है. फिर चाहे वो घरेलू महिलाएं हो या फिर कामकाजी, सभी को इस आम बजट से काफी उम्मीद है. एक फरवरी को आम बजट पेश होने जा रहा है. इस बार केंद्र सरकार ने बजट बनाने में महिला अधिकारियों की भागीदारी बढ़ाई है . 'आज तक' ने कुछ महिलाओं से ये जानने की कोशिश की, कि उन्हें वित्त मंत्री के पिटारे से क्या चाहिए. तो पता चला बजट से महिलाएं अपनी आर्थिक सुरक्षा चाहती हैं और राहत भरी घोषणाओं की उम्मीद करती हैं.
सुनिए वित्त मंत्री जी...
1. सरकार को महिलाओं के इनकम टैक्स स्लैब में ज्यादा रियायत देनी चाहिए.
2. सर्विस टैक्स, वैट टैक्स के नाम पर होटल में खाना हो या पार्लर का खर्च सब दोगुना हो जाता है, इस पर सरकार को कोई ठोस कदम उठाना चाहिए.
3. पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी से घर के किचन का बजट बिगड़ता है, उसमें सुधार की उम्मीद है.
4. कामकाजी महिलाओं के लिए निवेश योजना में ब्याज दर में रियायत दी जाये ताकि महिलाएं आर्थिक रूप से सुरक्षित हो सकें.
5. कार्यस्थल पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने और सुविधा देने के लिए दफ्तर में छोटे बच्चों की देखभाल के लिए क्रेच की सुविधा मिले.
6. स्वास्थ्य के क्षेत्र में महिलाओं के लिए विशेष पॉलिसी, खास तौर पर कामकाजी महिलाओं के लिए मेटरनिटी लीव की अवधि साल भर की जाये.
7. सरकार का फोकस महिला सुरक्षा पर होना चाहिए, इसके लिए सरकार विशेष बजट आवंटित करे.
8. अच्छी शिक्षा और चिकित्सा महंगी होती जा रही है. मध्यवर्गीय परिवारों के लिए बढ़ती महंगाई के साथ बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाना नामुमकिन है. इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए.
9. ब्यूटी और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स, सर्विसेज और कपड़े सब जरुरत से ज्यादा महंगे होते जा रहे हैं, इनकी कीमतों पर लगाम लगाई जाए.
10. सिंगल मदर्स के लिए विशेष प्रावधान हों. टैक्स से लेकर निवेश तक सभी में सिंगल मदर्स को रियायत दी जाए. कुछ ऐसी योजनाएं बनाईं जाएं जिससे ऐसी महिलाओं पर अतिरिक्त बोझ ना पड़े और आर्थिक सुरक्षा में मदद मिल सके.
सरकार अगर महिलाओं के लिए इन दस बिंदुओं पर काम करती है तो देश की महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में इसे एक अहम कदम माना जाएगा.