केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में नया रिकॉर्ड रच दिया. उन्होंने शनिवार को करीब 2 घंटे 41 मिनट का भाषण दिया जो कि बजट इतिहास में सबसे लंबा बजट भाषण रहा है. वित्त मंत्री ने बजट 2019 में 2 घंटे 17 मिनट का भाषण रहा था, इस बार उन्होंने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया.
खास बात ये रही कि इतने लंबे भाषण के बाद भी बजट के आखिरी के 2 पन्ने नहीं पढ़े. बजट पढ़ते वक्त वित्तमंत्री पसीना-पसीना हो गईं, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने उन्हें पानी दिया. साल 2014 में तत्कालीन वित्तमंत्री अरुण जेटली के बजट भाषण की सीमा करीबन 2 घंटे 10 मिनट था तो वहीं पूर्व वित्तमंत्री जसवंत सिंह ने 2003 में करीब 2 घंटे 13 मिनट का बजट भाषण पढ़ा था.
सबसे छोटा भाषण
दो घंटे से ऊपर बजट भाषण वैसे कई बार दिए गए. 2 घंटे से ज़्यादा समय तक बजट भाषण पढ़ने वाले कई वित्त मंत्री हुए हैं. लेकिन अब तक किसी भी वित्त मंत्री ने निर्मला सीतारमण जितना लंबा बजट भाषण नहीं दिया. 2003 में तत्कालीन वित्त मंत्री जसवंत सिंह ने 2 घंटे 13 मिनट का बजट भाषण दिया था. 2014 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2 घंटे 10 मिनट का बजट भाषण दिया था.
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मगर शब्दों के हिसाब से सबसे लंबा भाषण 1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह का था जिसमें 18,650 शब्द थे. इसके बाद 2017 में अरुण जेटली ने 18,604 शब्दों का बजट भाषण पढ़ा था. 1977 में हिरूभाई पटेल ने मात्र 800 शब्दों का सबसे छोटा भाषण दिया था.
जिस शब्द पर विपक्ष ने घेरा, उसका इस्तेमाल 7 बार हुआ
बहरहाल बता दें कि निर्मला सीतारमण के 2 घंटे 41 मिनट के पूरे भाषण में टैक्स शब्द का इस्तेमाल 132 बार किया गया. किसान शब्द का प्रयोग 12 बार तो वहीं युवा शब्द का प्रयोग 11 बार किया गया. जहां विपक्षी दल हर बार सरकार को रोजगार पर घेरते हुए नजर आती है तो वहीं इस बार बजट में रोजगार शब्द का प्रयोग कुल 7 बार किया गया.
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इस भाषण में बैंक शब्द का प्रयोग 23 बार तो 'लोन' शब्द का प्रयोग 6 बार किया गया. बजट 2020 भाषण में महिला शब्द का इस्तेमाल 10 बार किया गया तो वहीं गांव शब्द का जिक्र 1 बार ही किया गया.
ग्रामीण शब्द का जिक्र 4 बार और अर्बन भी 4 बार, शहर शब्द का जिक्र 15 बार तो शहरों शब्द का जिक्र 5 बार किया, प्रधानमंत्री शब्द का जिक्र कुल 15 बार किया है. जॉब शब्द का जिक्र 8 बार तो वहीं एजुकेशन शब्द का जिक्र 19 बार किया गया.