बजट 2017-18 पेश करने के लिए आज से शुरू हुए बजट सत्र को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने संबोधित करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार ने देश को तेज आर्थिक गति के मार्ग पर ले जाने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं. सरकार की आर्थिक उपलब्धियों का नतीजा है कि देश की अर्थव्यवस्था वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक तेजी से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्था बन चुकी है. जानिए, बीते तीन साल के मोदी सरकार के कार्यकाल पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने और क्या-क्या कहा-
अर्थव्यवस्था
ग्लोबल इकोनॉमी में भारत एक ब्राइट स्पॉट की तरह उभरा है. ऐसा इसलिए क्योंकि मौजूदा वक्त में ग्लोबल ग्रोथ सुस्त है. महंगाई, बैलेंस ऑफ पेमेंट, करेंट अकाउंट डेफिसिट और फिसकल डेफिसिट को 2014 के स्तर से काबू किया जा चुका है. देश में विदेशी निवेश और विदेशी मुद्रा रिजर्व रिकॉर्ड स्तर पर है. इन सभी कारणों से देश में मैक्रो इकोनॉमिक स्थिति बेहद मजबूत है. इससे आने वाले दिनों में तेज आर्थिक ग्रोथ की संभावनाएं मजबूत हैं.
वित्त वर्ष 2015-16 में विदेशी निवेश 55.6 बिलियन डॉलर से अधिक रहा जो कि अबतक सभी वित्त वर्षों के दौरान सर्वाधिक है.
ट्रांस्पेरेंसी
अर्थव्यवस्था के कई सेक्टर्स में उदारवादी विदेशी निवेश की नीतियों को मंजूरी दी गई है. वहीं बीते दिनों कोल ब्लॉक आवंटन और स्पेक्ट्रम आवंटन से साफ है कि मौजूदा सरकार ने ट्रांस्पेरेंसी के नए आयाम को सामने करने में सफलता पाई है. वहीं मौजूदा सरकार अन्य नैचुरल रिसोर्सेज के आवंटन के साथ¬-साथ केन्द्र सरकार के समस्त प्रोक्योरमेंट को सिंगल प्लैटफॉर्म ई¬-मार्केट के जरिए करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है.
नोटबंदी और कालाधन
ब्लैकमनी के खिलाफ बड़ी जंग का ऐलान करते हुए मौजूदा सरकार ने नवंबर 2016 में 500 और 1000 रुपये की प्रचलित करेंसी को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया. वहीं मौजूदा सरकार ने अपने पहले कैबिनेट मीटिंग में कालेधन के खिलाफ स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम का गठन करने का फैसला किया और कालेधन के खिलाफ कानून को मजबूत करने का कदम उठाते हुए सिंगापुर, साइप्रेस और मॉरिशियस से टैक्स चोरी और कालेधन को रोकने की दिशा में अहम संधि की. वहीं कालेधन के खिलाफ कदम उठाते हुए सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की घोषणा की है.