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बैंकों में लंबी छुट्टियां, जबरदस्त विरोध

त्योहारों और सालाना बंदी के कारण बैंकों में इस महीने और अगले महीने लगाकार काफी छुट्टियां हैं जिनका कारोबारी, ब्रोकर, बिजनेस संगठन विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि इससे उन्हें बहुत परेशानी होगी और चेक क्लियरेंस पर असर पड़ेगा.

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त्योहारों और सालाना बंदी के कारण बैंकों में इस महीने और अगले महीने लगाकार काफी छुट्टियां हैं जिनका कारोबारी, ब्रोकर, बिजनेस संगठन विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि इससे उन्हें बहुत परेशानी होगी और चेक क्लियरेंस पर असर पड़ेगा.

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बैंकों में इस बार एक साथ रिकॉर्ड छुट्टियां हैं. 28 मार्च को रामनवमी, 29 मार्च रविवार, 31 मार्च सालाना बंदी, 1 अप्रैल सालाना बंदी, 2 अप्रैल महावीर जयंती, 3 अप्रैल गुड फ्राइडे, 4 अप्रैल को आधा दिन, 5 अप्रैल को रविवार. इसका मतलब हुआ कि इस दौरान महज डेढ़ दिन काम के होंगे और उसमें इतनी भीड़ होगी कि लोगों को बेहद परेशानी होगी.

देश के एक बड़े कारोबारी संगठन एसोचैम ने इतनी सारी छुट्टियों का विरोध किया है और कहा कि रिजर्व बैंक को इसके बारे में सोचना होगा. इससे न केवल शेयर बाजार में वित्तीय लेनदेन, निर्यात, शिपमेंट, सैलरी वगैरह सभी पर असर पड़ेगा. ये सभी बुरी तरह प्रभावित होंगे. एसोचैम ने एक बयान में कहा कि रिजर्व बैंक को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए ताकि वह बैंकों से कुछ व्यवस्था करने को कहे. देश में ज्यादातर बैंक सरकारी हैं और वित्त मंत्रालय को भी इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए. इससे आम जनता को भी भारी परेशानी होगी.

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हालांकि इन अवसरों पर एटीएम खुले रहते हैं लेकिन देश में उनकी हालत उतनी अच्छी भी नहीं है. इसके अलावा जब छुट्टियों में बैंक बंद होते हैं तो एटीएम भी खाली हो जाते हैं और लोगों को धन की कमी से जूझना पड़ता है. बैंकों के लगातार बंद रहने से निर्यातकों को भी भारी परेशानी उठानी पड़ेगी. उन्हें अपना सामान भेजने के लिए काफी मशक्क्त करनी होगी.

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