केंद्र सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की अहम बैठक में गोल्ड बॉन्ड स्कीम को मंजूरी दे दी है. अब एक आदमी साल में अधिकतम 500 ग्राम गोल्ड बॉन्ड खरीद सकेगा, जिस पर सरकार ब्याज देगी. मंत्रिमंडल ने व्हाइट लेबल एटीएम सेवा कारोबार में स्वाभाविक रूप से 100 फीसदी एफडीआई को भी मंजूरी दी है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली, संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद और ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस बाबत जानकारी दी. वित्त मंत्री ने कहा कि अब लोग साल भर में 500 ग्राम तक के गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं और इस पर उन्हें ब्याज दिया जाएगा. गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम के तहत टैक्स में छूट मिलेगी, लेकिन इसको सीआरआर का हिस्सा नहीं बनाया गया है.
स्कीम के तहत गोल्ड जमा करने पर 2.5 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा. गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम के तहत ब्याज दर समय-समय पर वित्त मंत्रालय और आरबीआई मिलकर तय करेंगे. इस स्कीम के तहत सोने की ईंट, सोने का बार और सोने के सिक्के जमा करने की छूट होगी.
बॉन्ड की गारंटी लेगी सरकार
गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत सरकार का 15,000 करोड़ रुपये के गोल्ड बॉन्ड लाने का प्रस्ताव है. गोल्ड बॉन्ड भारत सरकार के नाम पर जारी किया जाएगा और बॉन्ड की पूरी गारंटी भारत सरकार लेगी. सोने की कीमत के आधार पर ब्याज मिलेगा और ब्याज दर को समय-समय पर सरकार की ओर से तय किया जाएगा. ब्याज फिक्स्ड और फ्लोटिंग दोनों हो सकता है.
गोल्ड बॉन्ड कम से कम 5 या 7 साल के लिए लेना जरूरी होगा. साथ ही बॉन्ड में समय से पहले पैसे निकालने की छूट मिलेगी. गोल्ड बॉन्ड को दूसरे को ट्रांसफर करने की भी छूट होगी. गोल्ड बॉन्ड डीमैट और पेपर दोनों रूप में जारी होगा. वित्त मंत्री ने बताया कि 2016-17 बजट में गोल्ड बॉन्ड का ऐलान किया जाएगा. बैंक और एनबीएफसी को गोल्ड बॉन्ड जारी करने का अधिकार होगा. बॉन्ड के जरिए लोन मिल सकेगा और पैसे निकालते वक्त सोने के मौजूदा भाव पर भुगतान होगा. गोल्ड बॉन्ड से आने वाला पैसा गोल्ड रिजर्व फंड में जमा होगा.
स्पेक्ट्रम ओनरशिप सरकार के पास
कैबिनेट की बैठक में स्पेक्ट्रम ट्रेडिंग नियमों को भी मंजूरी दी गई है. सरकार ने स्पेक्ट्रम ओनरशिप अपने पास रखी है, जबकि स्पेक्ट्रम ट्रेडिंग के लिए मंजूरी की जरूरत नहीं होगी. स्पेक्ट्रम ट्रेडिंग के लिए 45 दिनों पहले सूचित करना जरूरी होगा.
Spectrum ownership is that of the Government of India; right of use can now be traded: RS Prasad pic.twitter.com/JpHrgVz0yD
— ANI (@ANI_news) September 9, 2015
इसके अलावा अगर एडमिनिस्ट्रेटिव ऑक्शन में ट्रेड करना है तो बाजार की कीमत पर भुगतान करना होगा और इसके लिए 1 फीसदी ट्रेडिंग फीस देनी होगी. सभी बैंड में स्पेक्ट्रम ट्रेडिंग को मंजूरी दी गई है. अगर इस ओर नियमों का उल्लंघन हुआ तो दोनों ट्रेडिंग पार्टनर्स पर कार्रवाई की जाएगी.
Cabinet approved National Offshore Wind Energy Policy: Piyush Goyal, Power Minister pic.twitter.com/uaNnchHbM4
— ANI (@ANI_news) September 9, 2015
सरकार ने व्हाईट लेबल एटीएम में 100 फीसदी एफडीआई को भी मंजूरी दी है. सरकार ने रीन्यूएबल एनर्जी की ओर कदम बढ़ाते हुए ऑफशोर विंड एनर्जी के लिए पॉलिसी मंजूर की है. इसके अलावा बिहार के एनटीपीसी के बाढ़ थर्मल पावर प्लांट को कोल लिंकेज दिया गया है. इस कोल लिंकेज से इस प्लांट की लागत आधी हो जाएगी.