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मोदी सरकार की उज्ज्वला योजना में हो रहा फ्रॉड, कैग ने खड़े किए सवाल

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक यानी कैग की रिपोर्ट में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में फ्रॉड के कई मामले सामने आए हैं.

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उज्‍ज्वला योजना पर खड़े हुए सवाल
उज्‍ज्वला योजना पर खड़े हुए सवाल

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  • योजना का लाभ उन लोगों को मिल रहा, जिन्‍हें जरूरत नहीं है
  • 18 साल से कम उम्र के लोगों को भी मिला नया कनेक्‍शन

मोदी सरकार जब भी अपनी सफल योजनाओं के बारे में बात करती है तो प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY)का जिक्र जरूर होता है. 2015 में लॉन्‍च हुई इस योजना के तहत महिलाओं को एलपीजी गैस कनेक्‍शन दिया जाता है. सरकार का दावा है कि 8 करोड़ से ज्‍यादा कनेक्‍शन दिए जा चुके हैं. हालांकि अब नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने इस स्‍कीम को लेकर सवाल खड़े किए हैं.

कैग की रिपोर्ट के मुताबिक उज्ज्वला योजना का व्यापक दुरुपयोग हो रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जरूरतमंदों की बजाए इस योजना का लाभ उन लोगों को मिल रहा, जिन्‍हें जरूरत नहीं है. इसके साथ ही कैग ने इस योजना में कई कमियों को भी उजागर किया है.

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रिफिल नहीं भरवा पा रहे लोग!

कैग ने कहा है कि एलपीजी गैस के निरंतर उपयोग को प्रोत्साहित करना एक बड़ी चुनौती है क्योंकि लाभार्थियों की वार्षिक औसत रिफिल खपत में गिरावट आई है. बीते साल रिपोर्ट के मुताबिक योजना के तहत जिन 1.93 करोड़ उपभोक्ताओं को कनेक्शन दिया गया था, उनमें से एक उपभोक्ता सालाना 3.66 एलपीजी ही रिफिल करवाता है. वहीं 31 दिसंबर तक 3.18 करोड़ उज्ज्वला उपभोक्ताओं के आधार पर देखें तो सिर्फ 3.21 एलपीजी सालाना रिफिल करवा रहे हैं. इसका मतलब ये हुआ कि लोगों ने एलपीजी सिलेंडर तो ले रखा है लेकिन उसमें रिफिल नहीं भरवा पा रहे हैं.

नाबालिग भी उठा रहे फायदा

कैग की रिपोर्ट में मालूम होता है कि सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी की वजह से 18 साल से कम उम्र के लोगों को 80 हजार कनेक्शन जारी करने की अनुमति दी गई है. इसी तरह, 8.59 लाख कनेक्शन उन लाभार्थियों को जारी किए गए थे जो जनगणना 2011 के आंकड़ों के अनुसार नाबालिग थे. यह प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना गाइडलाइन और एलपीजी कंट्रोल ऑर्डर 2000 का उल्‍लंघन है.

एक दिन में 2 से 20 रिफिल भरवाए जा रहे

रिपोर्ट में कहा गया है कि योजना के तहत आने वाले 13.96 लाख उपभोक्ता एक महीने में 3 से 41 तक एलपीजी सिलेंडर रिफिल करा रहे हैं. वहीं इंडेन और एचपीसीएल के आंकड़ों के मुताबिक 3.44 लाख ऐसे उपभोक्ताओं का मामला भी सामने आया है जहां पर एक दिन में 2 से 20 एलपीजी सिलेंडर रिफिल भरवाए जा रहे हैं, जबकि इनका कनेक्शन एक सिलेंडर वाला है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बड़ी संख्या में घरेलू सिलेंडर का कमर्शियल इस्तेमाल हो रहा है. इसके मुताबिक 1.98 लाख उपभोक्ता साल में 12 से ज्यादा सिलेंडर रिफिल करा रहे हैं और ये जांच का विषय है.

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पुरुषों को भी मिला फायदा

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन जारी किया जाता है. लेकिन कैग की रिपोर्ट कहती है कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) सॉफ्टवेयर में इनपुट सत्यापन जांच की कमी के कारण पुरुषों के 1.88 लाख कनेक्शन जारी किए गए थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि एलपीजी कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य काफी हद तक हासिल कर लिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक  31 मार्च 2019 तक ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 7.19 करोड़ कनेक्शन जारी किए थे, जो मार्च 2020 तक के 8 करोड़ कनेक्शनों के लक्ष्य का लगभग 90 फीसदी था.

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