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ये WFH वाले नहीं, खतरे में 85 लाख जॉब, PM मोदी को खत- बचा लो सरकार

कोरोना वायरस की वजह से तमाम सरकारी और निजी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह दी है. लेकिन उन लोगों का क्या जो इस दायरे में नहीं आते हैं यानी सुरक्षा गार्ड्स.

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गार्डों की रोजी-रोजी असुरक्षित (Photo: File)
गार्डों की रोजी-रोजी असुरक्षित (Photo: File)

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  • जिनके हवाले सुरक्षा थी अब उनकी रोजी-रोटी ही असुरक्षित
  • कोरोना की वजह से बड़े पैमाने पर गार्ड नौकरी से हाथ धो बैठेंगे

कोरोना वायरस की वजह से तमाम सरकारी और निजी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम (Wrok From Home-WFH) करने की सलाह दी है. लेकिन उन लोगों का क्या जो इस दायरे में नहीं आते हैं यानी सुरक्षा गार्ड्स. आशंका जताई जा रही है कि सबसे ज्यादा कोरोना वायरस की वजह से सुरक्षा गार्ड्स की नौकरी खतरे में आ गई है.

दरअसल, कोरोना वायरस की वजह से देश में लगातार दुकानें, मॉल, शोरूम, थियेटर, होटल, स्कूल, कॉलेज सब बंद हो रहे हैं. इन जगहों की सुरक्षा जिनके हवाले थी, अब उनकी रोजी-रोटी असुरक्षित होने लगी है. लाखों की संख्या में सुरक्षा गार्डों की नौकरी खतरे में आ गई है.

पीएम को खत- मदद करो सरकार

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केंद्रीय निजी सुरक्षा उद्योग संघ (कैप्सी) ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है और उनसे हस्तक्षेप की अपील की है. खत में गार्डों की नौकरी बचाने के लिए सरकार से अपील की गई है. इसके अलावा इस महामारी से लड़ने में निजी गार्डों की भी नियुक्ति की मांग की गई है.

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कैप्सी के अध्यक्ष के विक्रम सिंह ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि जिन संस्थानों के बाहर सुरक्षा में गार्ड तैनात रहते हैं, उन संस्थानों ने स्पष्ट कह दिया है कि वो अब बहुत कम गार्डों के लिए भुगतान करेंगे. यानी बड़े पैमाने पर गार्ड अपनी नौकरी से हाथ धो बैठेंगे, फिर उनका घर कैसे चलेगा?

सुरक्षा गार्ड की नौकरी खतरे में

आंकड़ों के मुताबिक भारत में इस समय 23,000 से अधिक निजी सुरक्षा एजेंसियां 85 लाख से अधिक सुरक्षा गार्डों को तैनात करती हैं. कोरोना की वजह से कॉर्पोरेट ने अपने प्रतिष्ठानों से कर्मचारियों की संख्या में भारी कमी के लिए कहा है और इस दौरान वेतन देने से भी इनकार कर दिया है.

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विक्रम सिंह ने कहा, 'हमने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि वह कर्मचारी राज्य बीमा (ESI), भविष्य निधि (PF) और वस्तु तथा सेवा कर (GST) विभागों को अपनी संग्रह की तारीखों को स्थगित करने का निर्देश दें, ताकि गार्डों को वेतन का भुगतान किया जा सके.'

दुनियाभर में नौकरी पर संकट

गौरतलब है कि कोरोना वायरस का प्रकोप दुनिया में बढ़ता जा रहा है. अब अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने चेतावनी दी है कि इससे दुनिया भर में आर्थिक संकट आ सकता है और अगर सरकारों ने तेजी से कोई कारगर कदम नहीं उठाए तो करीब 2.5 करोड़ लोगों की नौकरियां जा सकती हैं.

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