आने वाले समय में ATM से पैसे निकालना महंगा पड़ेगा. कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सरकार को ATM से पैसे निकालने पर आधे फीसदी का शुल्क लगाने का सुझाव दिया है. कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए ये पहल की गई है.
0.5 फीसदी का शुल्क लगाने की अपील
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक कैट ने अपने प्री-बजट मेमोरैन्डम में सरकार से कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए एटीएम से पैसे निकालने पर 0.5 फीसदी का शुल्क लगाने की अपील की है. साथ ही बैंकों की ओर से डेबिट और क्रेडिट कार्ड पर लगाए जाने वाले सेस को भी खत्म करने की अपील की है.
कार्ड से पेमेंट करने वालों को मिले कैशबैक ऑफर
कैट ने सुझाव दिया है कि कार्ड से पेमेंट करने वालों को कैशबैक और कई तरह के टैक्सों से छूट मिले. इससे ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को बढ़ावा मिलेगा.
हर साल एटीएम से निकाले जाते हैं 20 लाख करोड़
एक आधिकारिक बयान में कैट के अध्यक्ष ने बीसी भरतिया और सेक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि फिलहाल देश में 1 लाख 94 हजार एटीएम मशीनें हैं, जिसमें से हर साल करीब 20 लाख करोड़ रुपये निकाले जाते हैं.
सरकार को 11 हजार करोड़ का फायदा
इस शुल्क लगाए जाने के पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि अगर एटीएम से हर बार पैसे निकालने पर आधा फीसदी शुल्क लगाया जाएगा तो इससे सरकार को करीब 11 हजार करोड़ का राजस्व मिलेगा जिससे राजस्व घाटे को कम करके लक्ष्य पाने में मदद मिलेगी.
क्रेडिट और डेबिट कार्ड पर खत्म हो शुल्क
आपको बता दें कि बैंक क्रेडिट कार्ड पर 2 फीसदी और डेबिट कार्ड पर 1 फीसदी का शुल्क लेते हैं जिसके चलते लोग कार्ड से पेमेंट नहीं करना चाहते हैं. अगर कार्ड पेमेंट को बढ़ावा देना है तो कैशबैक जैसी कई रियायतें देना जरूरी है.