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गूगल पर सर्च में पक्षपात करने का आरोप, CCI ने ठोका 136 करोड़ का जुर्माना

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने भारत में लोकप्रिय सर्च इंजन गूगल पर पक्षपात करने का दोषी पाया और उस पर भारी जुर्माना लगा दिया.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

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सबके सवालों का फटाफट जवाब देने वाले सर्च इंजन गूगल को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने अनुचित व्यापार व्यवहार करने का दोषी पाया है और इसके लिए उस पर 135.86 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका है.

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग का काम भारत में व्यापार में एकाधिकार के खिलाफ निगाह बनाए रखना होता है. उसने आदेश दिया है कि अमेरिकी कंपनी गूगल को यह जुर्माना 2 महीनों में भरना होगा.

सीसीआई ने 2012 में मैट्रीमोनी डॉट कॉम लिमिटेड और कन्ज्यूमर यूनिटी एंड ट्रस्ट सोसाइटी (सीयूटीएस) की ओर से आरोप लगाए जाने के बाद अपना फैसला सुनाया है. इनका आरोप था कि गूगल ने ऑनलाइन जनरल वेब सर्च और वेब सर्च एडवर्टाइजिंग सर्विसेज क्षेत्र में अपनी बादशाहत का गलत इस्तेमाल किया.

गूगल ने ऑनलाइन सर्च में अपनी ताकतवर स्थिति का जमकर फायदा उठाया और उसने इसकी वजह से सर्च में पक्षपात और हेराफेरी की. सीसीआई के आदेश के मुताबिक, जुर्माने की रकम 135.86 करोड़ है जो वित्त वर्ष (2013, 2014, और 2015) में भारत में कंपनी द्वारा अर्जित औसत आय का 5 फीसदी ही है.

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हालांकि सीसीआई ने गूगल की स्पेशलाइज्ड सर्च डिजाइन (वन बॉक्स), एडवर्ड्स, ऑनलाइन इंटरमिडिएशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन एग्रीमेंट में किसी तरह के उल्लंघन का दोषी नहीं पाया.

सीसीआई ने गूगल पर जुर्माने का फैसला 4-2 से सुनाया. 2 सदस्य इस फैसले के खिलाफ थे, जबकि चार लोग इस आरोप के पक्ष में थे.

दूसरी ओर, गूगल के प्रवक्ता ने कहा, "कंपनी हमेशा अपने उपयोगकर्ताओं के लिए जरूरी चीजों पर ध्यान केंद्रित करती आई है. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा चिह्नित छोटी-छोटी चिंताओं पर हम समीक्षा कर रहे हैं."

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