रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की 2 जून को होने वाली मॉनिटरी पॉलिसी रिव्यू से पहले देश के प्रमुख आर्थिक सहालकार (CEA) अरविंद सुब्रमण्यन ने ब्याज दरों में कटौती की पैरवी करते हुए कहा है कि केन्द्रीय बैंक को रुपए की ज्यादा वैल्युएशन नहीं रखनी चाहिए क्योंकि इससे देश के एक्सपोर्ट को धक्का लगता है.
सुब्रमण्यन ने कहा कि जब दूसरे देश अपनी करेंसी को अंडर वैल्यू करके फायदा उठा रहे हों तो भारत को भी चीन की राह पर जाकर एक एग्रेसिव मॉनिटरी पॉलिसी देने की जरूरत है. मोदी सरकार के कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर सुब्रमण्यन ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को खपत और सरकारी निवेश से फायदा पहुंच रहा है लेकिन निजी क्षेत्र की भागीदारी उम्मीद के मुताबिक नहीं रही है.
इसके साथ ही सुब्रमण्यन ने रिजर्व बैंक को दिए यह 10 मूल मंत्र:
1. इकनॉमिक रिकवरी के संकेत दिख रहे हैं
2. एक्सपोर्ट आधारित मैन्युफैक्चरिंग तभी कारगर रहेगी जब रुपये का स्तर ठीक रहे
3. एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने से सफल होगा मेक इन इंडिया कार्यक्रम
4. चीन समेत कई देश अग्रेसिव तरीके से मॉनिटरी पॉलिसी में ढील दे रहे हैं
5. रिजर्व बैंक को चीन की राह पर चल कर सटीक मॉनिटरी पॉलिसी देनी चाहिए
6. चीन इकनॉमिक स्लोडाउन के चलते इंटरेस्ट रेट में तेजी से कटौती कर रहा है
7. चीन ने करेंसी को अंडरवैल्यू करके बनाया 4 लाख करोड़ डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार
8. महंगाई दर आरबीआई के टारगेट से कम है
9. खपत बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक को लोन सस्ता करने की जरूरत है
10. आर्थिक आंकड़ों से साफ है कि केन्द्रीय बैंक के पास ब्याज दर कम करने की पूरी गुंजाइश है