सिंडिकेट बैंक आपराधिक मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए केंद्र सरकार
कड़े कदम उठाने को तैयार है. वित्तमंत्री अरुण जेटली ने रविवार को मामले में अपना और सरकार का रुख
स्पष्ट किया. जेटली ने कहा, 'मुझे लगता है कि बैंकों को पहले से यह मालूम
है कि उन्हें क्या करना है. अगर कुछ कड़े कदम उठाने की जरूरत है तो
निश्चित रूप से ऐसा किया जाएगा.'
वित्तमंत्री से पूछा गया था कि सिंडिकेट बैंक आपराधिक मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के लिये क्या सरकार कोई ताजा दिशानिर्देश जारी करेगी या कंपनी संचालन नियमों को कड़ा करने की जरूरत है.
रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल को संबोधित करने के बाद उन्होंने कहा, 'सिंडिकेट बैंक में जो कथित तौर पर हुआ, वह निश्चित रूप से कानूनी व्यवस्था का उल्लंघन था. यह अपराध था. हमें इस बारे में निर्णय करने के लिये नई नीति की जरूरत नहीं है.' उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह सीबीआई ने सिंडिकेट बैंक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक एसके जैन को कुछ कंपनियों की ऋण सीमा बढ़ाने को लेकर कथित तौर पर 50 लाख रुपये रिश्वत लेने को लेकर गिरफ्तार किया.
इस मामले में सात अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है. मामले को आपराधिक कानून जांच का विषय बताते हुए जेटली ने कहा कि इस बारे में पूरे साक्ष्य जुटाने का काम सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों का है. उन्होंने आगे कहा कि वित्त मंत्रालय ने अपनी तरफ से सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किये जाने के बाद चेयरमैन को निलंबित कर दिया है.
वित्त मंत्री ने कहा, 'जहां तक वित्तीय सेवा विभाग का सवाल है, उसने कानून की प्रक्रिया को लागू किया है. इस अपराध में जो संदिग्ध है, उन्हें निलंबित करने को लेकर जो कार्रवाई की जरूरत थी, वह पहले ही की जा चुकी है. इसके अलावा रिजर्व बैंक ने सिंडिकेट बैंक के बही-खातों की जांच शुरू की है.'