केन्द्र सरकार ने केरोसिन पर सब्सिडी भुगतान 12 रुपए प्रति लीटर और घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) सिलेंडर पर 18 रुपये प्रति किलो तय की है. यह सूचना सोमवार पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दी. गौरतलब है कि केरोसिन सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए 14.96 रुपए प्रति लीटर पर बेचा जा रहा है जबकि इसकी वास्तविक लागत 29.91 रुपए है. दोनों के बीच 14.95 रुपए प्रति लीटर का फर्क है जिसे राजस्व नुकसान या लागत से कम वसूली कहा जाता है.
प्रधान ने बताया कि सरकार केरोसिन की वास्तविक लागत और राशन में बिक्री मूल्य के अंतर की भरपाई के लिए 12 रुपए उपलब्ध करायेगी जबकि शेष 2.95 रुपए का बोझ तेल उत्पादक कंपनियों ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड उठाएंगी.
इसी तरह हर 14.2 किलो के सब्सिडी शुदा एलपीजी सिलिंडर पर लागत से कम वसूली 167.18 रुपए है. सब्सिडीशुदा रसोई गैस सिलिंडर की मौजूदा कीमत 417.82 रुपए है. इस लिहाज से मौजूदा दर पर लागत से कम वसूली की पूरी भरपाई तय सब्सिडी सीमा के दायरे में है.
प्रधान ने बताया कि इस समय सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम पदार्थों की बिक्री करने वाली कंपनियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बिकने वाले केरोसिन और सब्सिडीशुदा घरेलू एलपीजी की बिक्री पर ही राजस्व नुकसान होता है. पेट्रोल और डीजल का दाम अब बाजार मूल्य के अनुसार तय होता है. पेट्रोल जून 2010 से और डीजल अक्टूबर 2014 से बाजार मूल्य पर बेचा जा रहा है.
वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान सरकार ने केरोसिन के लिए 12 रुपए प्रति लीटर की बजटीय सहायता को मूंजूरी दी है जबकि शेष राजस्व नुकसान का बोझ तेल उत्खनन कंपनियां उठाएंगी.
इनपुट: एजेंसी