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अब घर बुक कराने पर बिल्डर नहीं दे पाएंगे इनकम की गारंटी, बदलेगा कानून

केन्द्र सरकार ने देश भर में चल रही पॉन्जी स्कीमों पर लगाम कसने की तैयारी कर ली है. इसके लिए सरकार कानून में बदलाव करने के लिए विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसे जल्द संसद में लाया जाएगा.

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अब पॉन्जी स्कीमों पर कसेगी लगाम
अब पॉन्जी स्कीमों पर कसेगी लगाम

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केन्द्र सरकार ने देश भर में चल रही पॉन्जी स्कीमों पर लगाम कसने की तैयारी कर ली है. इसके लिए सरकार ने कानून में बदलाव करने के लिए विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसे जल्द संसद में लाया जाएगा. केन्द्र सरकार के नए मसौदे के मुताबिक अब रिएल एस्टेट और ज्वेलरी कारोबार में पॉन्जी स्कीमों जैसे चलने वाले कारोबार को भी पॉन्जी स्कीम माना जाएगा और उन्हें रेगुलेट किया जाएगा.

पिछले दिनों देश के विभिन्न भागों में ऐसी घटनाएं सामने आई जिनमें गैर-कानूनी तरीके से जमा राशि लेने की योजनाओं के जरिए लोगों के साथ धोखाधड़ी की गई. इस तरह की योजनाओं के सबसे अधिक शिकार गरीब और ऐसे लोग हुए जिनको वित्तीय मामलों की जानकारी नहीं थी और ऐसी योजनाएं अनेक राज्यों में चल रही थीं. इसी धोखाधड़ी को रोकने के लिए केन्द्र सरकार ने पॉन्जी स्कीम के दायरे में रिएल एस्टेट और ज्वेलर्स को भी शामिल किया है.

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केन्द्र सरकार का मानना है कि यदि कोई बिल्डर कुछ वर्षों में निश्चित रिटर्न के नाम पर लोगों को घर या प्रॉपर्टी बेचता है तो ऐसे ऑफर्स को पॉन्जी स्कीम की श्रेणी में रखा जाएगा. वहीं देश में कई ज्वेलर्स ग्राहकों को निवेश के लिए यह ऑफर के साथ उकसाते हैं कि यदि कोई ज्वेलरी खरीदने के लिए वह 11 इन्सटॉलमेंट भरते हैं तो 12 इन्सटॉलमेंट कंपनी की तरफ से भरा जाएगा. ऐसी स्थिति में भी ज्वेलर्स के ये ऑफर्स पॉन्जी स्कीम के दायरे में रहेंगे और केन्द्र सरकार का प्रस्तावित कानून इन्हें रेगुलेट करने के लिए सक्षम होगा.

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गौरतलब है कि इस विधेयक पर फैसले से पहले अपने वित्त वर्ष 2017-18 के बजट भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की थी कि गैर-कानूनी जमा योजनाओं की बुराइयों को कम करने के लिए एक विधेयक का मसौदा सार्वजनिक किया जाएगा और उसे अंतिम रूप देने के बाद जल्द ही पेश किया जाएगा. इसी बजट भाषण को पूरा करने के लिए केन्द्र सरकार ने पॉन्जी स्कीमों के खिलाफ नए कानून का ऐलान किया है.

संशोधन के बाद कैसे बदल जाएगी जमा योजना

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1. विधेयक में तीन अलग-अलग प्रकार के अपराध निर्धारित किए गए हैं, जिनमें अनियमित जमा योजनाओं को चलाना, नियमित जमा योजनाओं में धांधली और अनियमित जमा योजनाओं को गलत तरीके से प्रोत्साहन.

2. विधेयक में बचाव कार्य करने के लिए कड़ी सजा और भारी जुर्माने की व्यवस्था की गई है.

3. विधेयक में ऐसे मामलों में जमाराशि को निकालने अथवा उसकी अदायगी के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए है, जहां ऐसी योजनाओं के लिए अवैध तरीके से जमा राशि जुटाने में सफलता मिल जाती है.

4. विधेयक में सक्षम प्राधिकार द्वारा संपत्तियों/परिसंपत्तियों को कुर्क करने और जमाकर्ताओं को अदायगी के लिए सम्परत्ति की अनुवर्ती वसूली का प्रावधान किया गया है.

5. संपत्ति की कुर्की और जमाकर्ताओं को धनराशि लौटाने के लिए स्पष्ट समय निर्धारित किया गया है.

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6. विधेयक में एक ऑनलाइन केन्द्रीय डेटाबेस तैयार करने की व्यवस्था है जिससे देश में जमा करने की धनराशि लेने की गतिविधियों के बारे में सूचनाएं एकत्र करने और उन्हें साझा करने की व्यवस्था होगी.

7. विधेयक में “जमाराशि लेने वाले” और “जमाराशि” को विस्तार से परिभाषित किया गया है.

8. “जमाराशि लेने वालों” में धनराशि लेने वाली अथवा मांगने वाली सभी संभावित कंपनियां (व्यक्तियों सहित) शामिल होंगी. इनमें केवल उन विशिष्ट कंपनियों को शामिल नहीं किया जाएगा, जिन्हें कानून द्वारा शामिल किया गया है.

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9. “जमाराशि” को इस तरीके से परिभाषित किया गया है कि जमा राशि लेने वालों पर प्राप्तियों के रूप में जनता की जमा राशि को छिपाने से रोक होगी और साथ ही अपने सामान्य व्यवसाय के दौरान किसी प्रतिष्ठान द्वारा धनराशि स्वीकार करने से रोक होगी.

10. एक विस्तृत केन्द्रीय कानून होने के कारण विधेयक में कानून की सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को अपनाया गया है साथ ही कानून के प्रावधानों को लागू करने की प्रमुख जिम्मेदारी राज्य सरकारों को सौंपी गई है.

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