विदेशी निवेश को और उदार बनाने के लिए सरकार निजी बैंकों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने पर विचार कर रही है जो फिलहाल 74 प्रतिशत है.
सूत्रों के मुताबिक औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा बढ़ाने से जुड़ा प्रस्ताव वित्तीय सेवा विभाग को गौर करने के लिए भेजा है.
फिलहाल निजी क्षेत्र की बैंकिंग में 74 प्रतिशत की अनुमति है जिसमें से 49 प्रतिशत को स्वाभाविक मार्ग से और इससे अधिक के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) के जरिए अनुमति मिलती है.
इस पहल से मौजूदा निजी बैंकों, भुगतान बैंकों और लघु वित्त बैंकों को विदेशी बाजार का फायदा उठाने में मदद मिलेगी ताकि उनका पूंजी आधार बढ़ाया जा सके. आरबीआई ने हाल ही में 11 इकाइयों को भुगतान बैंक और 10 को लघु वित्त बैंक स्थापित करने की अनुमति दी है.
हाल ही में सरकार ने मिश्रित पूंजी की अवधारण पेश की है. लेकिन इस क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए सरकार ने कहा है कि विदेशी संस्थागत निवेशक निजी क्षेत्र के बैंकों में पोर्टफोलियो निवेश के लिए तय पूंजी की सीमा पार नहीं कर सकते.
निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक को विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने के लिए सरकार की मंजूरी मिल गई है. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से जून की तिमाही के दौरान देश में विदेशी निवेश 31 प्रतिशत बढ़कर 9.50 अरब डॉलर हो गया है.
इनपुट : भाषा