सरकार ने कर्मचारियों के वेतन खुलासे (डिस्क्लोजर) नियमों को सख्त करने का प्रस्ताव किया है. इसके तहत सभी सूचीबद्ध कंपनियों को कारोबारी प्रदर्शन के आधार पर अपने शीर्ष प्रबंधन के वेतन तथा उसमें बढ़ोतरी का तर्क देना होगा.
सरकार ने ये प्रस्ताव कुछ कंपनियों द्वारा अपने सीईओ जैसे उच्च पदों पर आसीन अधिकारियों को दिए जा रहे अनाप-सनाप सैलरी को ध्यान में रखते हुए तैयार किया है.
नए कंपनी कानून के तहत कंपनियों से पहले से अपने शीर्ष प्रबंधन को दिए जाने वाले वेतन तथा मध्यम कर्मचारियों के वेतन का अनुपात बताने को कहा गया है.
कंपनी मामलों के मंत्रालय ने नए कंपनी कानून के नियमों के मसौदे की दूसरी किस्त जारी की है. इसमें विभिन्न उपायों की घोषणा की गई है, मसलन निदेशकों को दिए जाने वाले किसी वैरिएबल के मानदंड का खुलासा करना अनिवार्य होगा.
कंपनियों को अब वेतन आदि में औसत वृद्धि तथा कंपनी के प्रदर्शन के बीच संबंधों को स्पष्ट करना होगा. इसके अलावा महत्वपूर्ण प्रबंधन स्तर के अधिकारियों के वेतन तथा कंपनी के प्रदर्शन के बीच तुलनात्मक समीक्षा पेश करनी होगी.