सरकार ने आम बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की तरलता बढ़ाने के लिए प्रावधान किए गए फंड का कुछ हिस्सा इन बैंकों को उपलब्ध कराने को फैसला किया है. इस राशि का प्रावधान बैंकों में ऑटो और कंज्यूमर ड्यूरेबल सेक्टर को कर्ज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तरलता बढ़ाने के लिए किया गया था.
जानकारों का मानना है कि बैंक तरलता बढ़ने का लाभ ग्राहकों को दे सकता है और ऑटो और कंज्यूमर ड्यूरेबल क्षेत्रों क लिए ब्याज दरों में कटौती कर सकता.
सरकार ने इस फंड का प्रावधान मांग में वुद्धि लाने और मंदी को काबू में करने के लिए लिया था. बैंकों को राशि जारी करने का फैसला वित्तमंत्री पी चिदंबरम, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन और आर्थिक मामलों के सचिव अरविंद मायाराम के बीच दिल्ली में हुई एक बैठक में लिया गया.
वित्तमंत्राल द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है बैंकों को उपलब्ध कराई जा रही अतिरिक्त राशि का कुछ हिस्सा बैंकों को उपलब्ध कराया जा रहा है जिसका प्रावधान बजट में किया गया था. इस राशी से बैंक कुछ खास सेक्टर के लिए कर्ज देने में पूरी तरह से सक्षम हो सकेंगे. इस उद्देश्य से बजट में बैंकों के लिए कुल 14000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था.