थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर मार्च 2013 में साल दर साल आधार पर 5.96 फीसदी रही पिछले तीन सालों में पहली बार महंगाई दर छह फीसदी से कम दर्ज की गई है.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक विनिर्मित वस्तुओं और प्राथमिक वस्तुओं की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है.
फरवरी में यह दर 6.84 फीसदी थी और पिछले साल मार्च में यह दर 7.69 फीसदी थी. थोक मूल्य सूचकांक में 64.97 फीसदी योगदान करने वाले विनिर्मित वस्तुओं की महंगाई दर मार्च में 4.07 फीसदी रही, जो एक साल पहले 5.16 फीसदी थी. प्राथमिक वस्तुओं की महंगाई दर मार्च में 7.6 फीसदी रही, जो एक साल पहले 10.41 फीसदी थी।
एंजल ब्रोकिंग की अर्थशास्त्री भुपाली गुरसाले ने कहा कि थोक महंगाई दर के तीन साल के निचले स्तर पर जाने में प्रमुख योगदान प्राथमिक वस्तुओं (खासकर खाद्य वस्तुओं) की महंगाई में कमी को माना जा सकता है. खाद्य महंगाई दर मार्च में 8.73 फीसदी रही, जो एक साल पहले 10.11 फीसदी थी. प्रमुख उद्योगों के उत्पादों में महंगाई दर मार्च में घटकर 3.4 फीसदी रही, जिससे बाजार की सुस्ती का पता चलता है.
गुरसाले ने कहा कि महंगाई के मोर्चे पर सकारात्मक रुझान सामने आने से उम्मीद है कि तीन मई को सालाना मौद्रिक नीति में मुख्य दरों में 25 आधार अंकों की कटौती हो सकती है. हालांकि अस्थायी आंकड़ों को संशोधित कर बढ़ाने के कारण इन आंकड़ों को देखते वक्त सावधानी बरती जानी चाहिए.