उत्तराखंड त्रासदी में जिन लोगों ने अपनों को खोया है उनकी भरपायी तो नहीं हो सकती, लेकिन इस मातम पर मरहम की कोशिश जरूर हो रही है. सरकार ने एलआईसी को इस त्रासदी में लापता हुए लोगों की बीमा रकम का जल्द भुगतान करने का आदेश जारी किया.
वित्त मंत्री पी चिदंबरम के मुताबिक लोगों को जल्द से जल्द क्लेम मिल सके, इसके लिए LIC को अपने नियमों में ढील देने को कहा गया है.
नियमों के मुताबिक किसी भी शख्स के लापता होने के बाद उसकी बीमा रकम पाने के लिए कम से कम 7 साल का इंतजार करना होता है. लेकिन वित्त मंत्री के आदेश के बाद उत्तराखंड में लापता हुए लोगों की बीमा रकम के भुगतान के लिए इस नियम में ढील दी जाएगी. एलआईसी के अलावा कुछ निजी बीमा कंपनियों ने भी नियमों में ढील देने का ऐलान किया है.
मौत ने लोगों को अपनों से दूर किया तो कुदरत के इस सितम ने कई लोगों के सिर से छत भी छिन ली. पर्यटन पर काफी हद तक निर्भर उत्तराखंड के कई बाशिंदे अपनी रोज़ी रोटी भी खो चुके हैं. ऐसे में घरों और इमारतों का अगर बीमा हो, तो उनके नुकसान की कुछ हद तक भरपाई हो सकती है.
उत्तराखंड में अबतक करीब 850 शव ही बरामद किए जा सके हैं, जबकि लापता लोगों की संख्या 5 हजार से ज्यादा बताई जा रही है, ऐसे में बीमा के भुगतान के लिए एलआईसी ने उत्तराखंड में नए सेंटर्स खोलने का फैसला किया है. सरकार ने पहचान न किए जा सके शवों की, तस्वीर और डीएनए प्रोफाइल रखने का फैसला भी किया है ताकि अंतिम संस्कार के बाद भी उनकी पहचान की जा सके.