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मुझे नहीं लगता कि बहुत कुछ खराब हुआ है: चिदंबरम

आर्थिक वृद्धि के इंजन को एक बार फिर से शुरू करने का लक्ष्य लेकर चल रहे वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि वह सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की इकाइयों की निवेश योजना की तिमाही आधार पर निगाह रखेंगे. सार्वजनिक क्षेत्र की कई कंपनियों के पास भारी अधिशेष नकदी है.

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पी चिदंबरम
पी चिदंबरम

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आर्थिक वृद्धि के इंजन को एक बार फिर से शुरू करने का लक्ष्य लेकर चल रहे वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि वह सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की इकाइयों की निवेश योजना की तिमाही आधार पर निगाह रखेंगे. सार्वजनिक क्षेत्र की कई कंपनियों के पास भारी अधिशेष नकदी है.

गूगल हैंगआउट पर परिचर्चा सत्र के दौरान वित्त मंत्री ने कहा, ‘प्रत्येक सार्वजनिक उपक्रम को अगले साल के लिए अपना निवेश लक्ष्य बताना होगा. हम अप्रैल से उनकी निवेश योजनाओं पर निगाह रखेंगे. प्रत्येक तिमाही में मैं इस बात की समीक्षा करूंगा कि वे कितना निवेश कर रहे हैं.’

इंटरनेट पर एक घंटे तक चली परिचर्चा के दौरान वित्त मंत्री ने अर्थशास्त्रियों, कारोबारियों, आईआईएम के छात्रों और अन्य लोगों के सवालों के जवाब दिए. चिदंबरम ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने पहले ही सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को पत्र जारी कर उनकी अगले वित्त वर्ष की निवेश योजना के बारे में पूछा है.

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इससे पहले सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के कार्यकारियों के साथ बैठकों में वित्त मंत्री कह चुके हैं कि यदि वे निवेश योजना को क्रियान्वित करने में विफल रहती हैं तो उन्हें सरकार को विशेष लाभांश देना होगा. मंत्री ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया का मकसद निवेश के इंजन को फिर से शुरू करना है. उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 6 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ेगी. अगले वषरें में तो अर्थव्यवस्था की रफ्तार और बढ़ेगी.

वित्त मंत्री ने कहा, ‘चालू साल में वृद्धि दर घटकर 5 फीसद के आसपास रह जाएगी. पर इसका मतलब कतई यह नहीं है कि हम 6 या 7 प्रतिशत पर नहीं पहुंच सकते. मुझे विश्वास है कि अगले साल हम 6 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करेंगे और उसके अगले साल 7 प्रतिशत. क्षमता 8 प्रतिशत की है और हम 9 फीसद का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं.’ हाल के समय में क्या गलत हो गया है, इस सवाल पर चिदंबरम ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि बहुत ज्यादा कुछ खराब हुआ है.

उन्होंने कहा कि 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद से चीजें खराब होना शुरू हुईं. हमें राजकोषीय घाटे तथा चालू खाते के घाटे को ठीक करना है.

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वित्त मंत्री ने कहा कि सीमित विकल्प को देखते हुए उन्होंने अपने बजट में वही किया जो संभव था. ‘हम कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं कर सकते थे. ‘आर्थिक अनिश्चितताओं की वजह से दुनिया में कहीं बहुत बड़ा बदलाव नहीं किया जा रहा.’ वित्त वर्ष 2013-14 के विनिवेश लक्ष्य के बारे में पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि हम 40,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल करेंगे. हम 40,000 करोड़ रुपये जुटा लेंगे.’ उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने विनिवेश की तैयारी कर ली है. पहला विनिवेश अप्रैल में होगा. उससे पहले मार्च में तीन विनिवेश होंगे.

उन्होंने बताया कि इसके अलावा 14,000 करोड़ रुपये गैर सरकारी कंपनियों में बची हिस्सेदारी बेचकर जुटाए जाएंगे.
महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण के लिए 1,000 करोड़ रुपये के निर्भया कोष के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि घोषणा से पहले इस योजना की जानकारी बहुत लोगों को नहीं दी गई थी. उन्होंने कहा कि हम अन्य मंत्रालयों, विभागों और एनजीओ के साथ काम करेंगे जिससे यह तय किया जा सके कि सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए इस राशि को किस प्रकार से खर्च किया जाए.

उन्होंने कहा कि सिर्फ महिलाओं के लिए देश का पहला बैंक नवंबर, 2013 में काम करना शुरू करेगा. शहरी मध्यवर्ग के जीवनयापन का खर्च बढ़ने के बारे में पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा कि वह उन पर पड़ रहे दबाव को समझते हैं, लेकिन जिनकी आमदनी है उन्हें निश्चित रूप से कर देना होगा.

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वित्त मंत्री ने कहा, ‘मुझे पता है कि शहरी मध्य वर्ग के पास शिकायत की वजह है. लेकिन जिनके पास पैसा है उन्हंे थोड़ा कर देना होगा. ‘मैं गरीबांे पर कर नहीं लगा सकता.’

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