जाने-माने अर्थशास्त्री एस. गुरुमूर्ति ने कहा है कि यूपीए सरकार की आर्थिक नीतियों ने अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है. उन्होंने अर्थव्यवस्था की बदहाली के लिए वित्तमंत्री पी. चिदंबरम को जिम्मेदार ठहराया.
गुरुमूर्ति ने वीकएंड में आयोजित ‘डिकेड ऑफ इकोनॉमिक डिस्ट्रक्शन हाउ टू रिकवर?’ विषय पर चर्चा में कहा, ‘यूपीए सरकार के कार्यकाल में रुपये के मूल्य में 30-50 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि विदेशी कर्ज में चार गुना वृद्धि हुई. विदेशी मुद्रा भंडार विदेशी कर्ज का दो या ढाई गुना था, जबकि अब यह कर्ज का तीन चौथाई है.’
गुरुमूर्ति ने कहा कि पूंजीगत मालों का आयात बढ़ा, जिसने भारत की उत्पादन क्षमता को नष्ट किया. उन्होंने कहा, ‘...और अब भी चिदंबरम यह दावा करते हैं कि उन्होंने एक अच्छी अर्थव्यवस्था छोड़ी है!’