चीन सरकार द्विपक्षीय व्यापार में भारत के बढ़ते घाटे की समस्या के समाधान के लिए अपनी कंपनियों को भारत से अधिक से अधिक उत्पादों का आयात करने को प्रोत्साहित कर रहा है.
साथ ही उसने भारतीय कंपनियों को चीन के आयात बाजार द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे अवसरों से लाभ उठाने को कहा है. चीन का आयात बाजार 2015 तक बढ़कर 10,000 अरब डॉलर पहुंचने की संभावना है.
भारत के साथ चीन के मुख्य वार्ताकार दाई बिंगू ने कहा, ‘चीन व्यापार असंतुलन पर खास ध्यान देता है. हम पहले ही चीनी कंपनियों को भारत से अधिक आयात करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं और ऐसा करना जारी रखेंगे.’
उल्लेखनीय है कि इस साल के पहले 10 महीनों में चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 23 अरब डॉलर पहुंच चुका है. बीते साल यह घाटा 27.07 अरब डॉलर था और द्विपक्षीय व्यापार 73.9 अरब डॉलर के बराबर रहा जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है.
उन्होंने कहा, ‘चीन की अर्थव्यवस्था एक खुली अर्थव्यवस्था है. हम व्यापार आधिक्य रखने की कोशिश नहीं करते. भले ही अमेरिका, यूरोप और भारत के साथ चीन के द्विपक्षीय व्यापार में उसे व्यापार आधिक्य का लाभ प्राप्त है, जापान और कोरिया के साथ व्यापार में चीन को व्यापार घाटा है.’