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चीन की मंदी देगी ग्रीस से ज्यादा बड़ा झटका

बुधवार को चीन के बाजार में जोरदार गिरावट दर्ज हुई. शंघाई इंडेक्स तीन महीने के निचले स्तर पर चला गया. इस गिरावट से घबराई चीन सरकार ने कड़े कदम उठाते हुए शेयरों की बिकवाली रोकने के लिए बाजार बंद कर दिए. इस गिरावट का जोरदार असर दुनियाभर की अर्थव्यवस्था पर कुछ इस तरह पड़ा.

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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (File Image)
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (File Image)

ग्रीस संकट से जहां यूरोप का बाजार भी गंभीर संकट के दौर से गुजर रहा है, वहीं चीन के शेयर बाजार में लगातार जारी गिरावट दुनियाभर के बाजारों के लिए बड़ी समस्या बन रही है. बुधवार को चीन के बाजार में जोरदार गिरावट आई और प्रमुख इंडेक्स एक झटके में तीन महीने के निचले स्तर पर चला गया.

इस जोरदार गिरावट से घबराई चीन की सरकार ने आनन-फानन में कई कड़े कदम उठाते हुए शेयरों की बिकवाली रोकते हुए बाजार बंद कर दिए और कई कंपनियों के शेयरों को बेचने पर पाबंदी लगा दी.

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भारत समेत एशियाई बाजारों पर असर
भारतीय शेयर बाजारों में भी बुधवार के कारोबार में भारी गिरावट दर्ज हुई थी. बीएसई बेंचमार्क सेंसेक्स 500 अंक और एनएसई इंडेक्स निफ्टी 160 अंकों से ज्यादा की गिरावट दर्ज की थी. हालांकि गुरुवार को भारतीय बाजारों ने सपाट शुरुआत की और शुरुआती सत्र में लाल निशान के ऊपर कारोबार करने में सफल हुआ. फिलहाल भारतीय बाजार मामूली गिरावट के साथ लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं. वहीं जहां बुधवार को चीन की गिरावट के साथ सभी एशियाई बाजारों में भी जोरदार गिरावट रही. गुरुवार को चीन सरकार के कदमों से एशिया के प्रमुख बाजारों ने वापस मजबूती का रुख कर लिया. गुरुवार के सत्र में चीन के शंघाई कंपोजिट इंडेक्स के साथ-साथ हैंग सेंग और निक्की पर जोरदार तेजी के साथ हरे निशान पर कारोबार हो रहा है.

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अमेरिका और यूरोप के बाजारों पर हावी हुई गिरावट
बुधवार के सत्र में अमेरिका और यूरोप के बाजारों में भारी गिरावट दर्ज हुई है. ग्रीस की चिंता के साथ-साथ चीन में भारी बिकवाली रोकने के लिए चीन सरकार के उठाए कड़े कदमों से अमेरिकी बाजार दबाव में आ गया. प्रमुख इंडेक्स डाओ जोंस और एसएंडपी 500 में 1.5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज हुई. इसी दौरान तकनीकी दिक्कतों के चलते न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज को 4 घंटों से अधिक समय के लिए बंद करना पड़ा.

चीन के असर से गिरा कमोडिटी बाजार
चीन की गिरावट ग्रीस संकट पर इस कदर हावी हुई कि भारत समेत एशिया के सभी प्रमुख बाजारों में जोरदार गिरावट देखने को मिली. सबसे बड़ा झटका ग्लोबल कमोडिटी मार्केट को लगा और कई प्रमुख कमोडिटीज की कीमतों में भी जोरदार गिरावट दर्ज हुई. खास तौर पर कच्चा तेल, सोना, स्टील और कॉपर की कीमतों पर जोरदार असर हुआ. जानकारों के मुताबिक ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और सोने-चांदी, क्रूड का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है.

क्यों गिरा चीन का बाजार?
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि चीन के बाजार में जारी गिरावट से अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगने का खतरा है और इसके परिणाम यूरोजोन से भी गंभीर हो सकते हैं. चीन के शेयर मार्केट में जिन इनवेस्टर्स ने उधार के पैसों से बड़ा दांव लगाया था, वह तेजी से अपने सौदे काटने लगे थे. दरअसल चीन के शेयर बाजार में ज्यादातर निवेश घरेलू है लिहाजा वैश्विक निवेशकों पर गिरावट का ज्यादा असर नहीं पड़ने के आसार हैं. इसीलिए बाजार को काबू करने के लिए चीन सरकार ने घरेलू निवेशकों के बाजार से बाहर निकलने पर पाबंदी लगी दी है.

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