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चीन का बाजार अस्थिर, निवेशकों को लुभा रहा भारत

चीन के शेयर बाजार में प्रमुख शंघाई कंपोजिट इंडेक्स हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन सात फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए.

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नरेंद्र मोदी [File Photo]
नरेंद्र मोदी [File Photo]

चीन के शेयर बाजार में प्रमुख शंघाई कंपोजिट इंडेक्स हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन सात फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए. शुक्रवार को आई इस गिरावट से दुनियाभर के विश्लेषकों को हैरान कर दिया और एक बार फिर उन्हें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या चीन के बाजार में तेजी का दौर खत्म होने की कगार पर है. जानकारों का मानना है कि चीन के बाजार में बुल रन खत्म होने का सेंटिमेंट होवी हो रहा है और बाजार में आठ महीने तक बुल रहने के कारण चीनी निवेशक सतर्क हो रहे है.

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चीन का बाजार पिछले एक साल में 140 फीसदी उछला
गौरतलब है कि पिछले 8 महीनों तक चले बुल रन की मदद से चीन का शेयर बाजार विश्व का बेस्ट परफॉर्मिंग और सर्वाधिक ट्रेड करने वाला बाजार बन गया था. पिछले एक साल में चीन के शेयर बाजार में 140 फीसदी से अधिक बढ़ देखने को मिली है लिहाजा, अब जानकारों का मानना है कि मोजूदा समय में बाजार में करेक्शन हावी होगे इसी के चलते निवेशकों में सतर्कता बढ़ती दिखाई दे रही है.

ग्रीस संकट ने चीन को पहुंचाया धरातल में
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लंच फंड मैनेजर के एक सर्वे के अनुसार, 10 ग्लोबल निवेशकों में से सात निवेशकों का मानना है कि कि चीन का बाजार अस्थिरता के दौर में हैं. इसके साथ ही जानकारों का मानना है कि चीन के बाजार को रसातल में पहुंचाने में ग्रीस संकट की भी बड़ी भूमिका रही है. गुरुवार को वित्त मंत्रियों की यूरोग्रुप मीटिंग समझौते के किसी लक्षण के बगैर तुरंत ही समाप्त हो गई.

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वैश्विक निवेशक कर सकते हैं भारत का रुख
इक्विटी मार्केट के जानकारों का मानना है कि चीन के शेयर बाजार में भारी गिरावट   का फायदा भारत को मिल सकता है. एशिया क्षेत्र में अभी भारत उभरता हुआ मार्केट है और कई वैश्विक संस्थानों ने इसकी वृद्धि दर को लेकर पॉजिटिव उम्मीद जताई है. इन दोनों कारणों के चलते ग्लोबल निवेशक अच्छे रिटर्न और सुरक्षित मार्केट की उम्मीद पर भारत में अपना निवेश बढ़ा सकते हैं.

 

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