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तीन साल में चीन का सबसे बड़ा रक्षा बजट, भारत से तीन गुना खर्च

चीन ने इस साल रक्षा खर्च में 8.1 फीसदी की वृद्धि कर इसे 175 अरब डॉलर किये जाने की घोषणा की है. यह भारत के हालिया रक्षा बजट का तीन गुना है. भारत का रक्षा बजट 52.5 अरब डॉलर का है. बजट रिपोर्ट के अनुसार चीन रक्षा बजट को 2018 में 8.1 फीसदी तक बढ़ाएगा. पिछले साल चीन ने इसमें सात प्रतिशत की वृद्धि की थी.

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सुपर पावर बनने के लिए रक्षा बजट में बड़ा इजाफा
सुपर पावर बनने के लिए रक्षा बजट में बड़ा इजाफा

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चीन ने इस साल रक्षा खर्च में 8.1 फीसदी की वृद्धि कर इसे 175 अरब डॉलर किए जाने की घोषणा की है. यह भारत के हालिया रक्षा बजट का तीन गुना है. भारत का रक्षा बजट 52.5 अरब डॉलर का है. बजट रिपोर्ट के अनुसार चीन रक्षा बजट को 2018 में 8.1 फीसदी तक बढ़ाएगा. पिछले साल चीन ने इसमें सात प्रतिशत की वृद्धि की थी.

शिन्हुआ ने नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) में पेश किये गए आधिकारिक दस्तावेज के हवाले से कहा कि 2018 का रक्षा बजट 1110 अरब युआन (175 अरब डॉलर) होगा. पिछले साल चीन ने रक्षा खर्च को बढ़ाकर 150.5 अरब डॉलर किया था. चीन, अमेरिका के बाद रक्षा क्षेत्र पर खर्च करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है. अमेरिका का रक्षा बजट 602.8 अरब डॉलर है.

चीन ने रक्षा खर्च को बढ़ाकर 175 अरब डॉलर किए जाने पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि यह पिछले दो साल की तुलना में थोड़ा अधिक है. 2013 के बाद तीसरी बार रक्षा बजट में इकाई अंक की वृद्धि की गयी है. 2016 में रक्षा खर्च में 7.6 फीसदी और 2017 में सात फीसदी की वृद्धि की गयी थी.

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एनपीसी के प्रवक्ता झांग येसुई ने कहा कि अन्य प्रमुख देशों की तुलना में चीन का रक्षा बजट सकल घरेलू उत्पाद (जीपीडी) और राष्ट्रीय राजकोषीय व्यय का एक छोटा-सा हिस्सा है. उसका प्रति व्यक्ति सैन्य खर्च अन्य प्रमुख देशों की तुलना में कम है. उन्होंने कहा, 'रक्षा बजट की वृद्धि का एक बड़ा हिस्सा पूर्व में किये गये कम सैन्य खर्च की भरपाई है और इसका उपयोग मुख्यत: उपकरणों के उन्नयन और सैन्यकर्मियों के कल्याण एवं जमीनी स्तर पर तैनात टुकड़ियों के रहन-सहन के स्तर और प्रशिक्षिण स्थितियों को बेहतर बनाने में किया जाएगा.'

अच्छी ग्रोथ के बावजूद कम रखा जीडीपी टार्गेट

चीन ने 2018 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का लक्ष्य करीब 6.5 प्रतिशत रखा है. चीन ने वृद्धि दर को पिछले साल के बराबर ही रखा है क्योंकि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कर्ज की वजह से पैदा हुए अपने वित्तीय प्रणाली के जोखिम को कम करने के लिए काम कर रही है.

चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चीन की आर्थिक बुनियादी बातों और रोजगार क्षमता को देखते हुए करीब 6.5 फीसदी की वृद्धि दर चीन को पूर्ण रोजगार प्राप्त करने में सक्षम करेगी. चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार हर साल धीमी हो रही है. पिछले साल यह 6.9 फीसदी रही थी. चीन का मुद्रास्फीति के स्तर को करीब तीन फीसदी पर बरकरार रखने और 11 लाख शहरी रोजगार सृजित करने का लक्ष्य है.

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