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देर आए दुरुस्त आए, अब चीन को भी चाहिए भारत के टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट!

चीन सरकार के अखबार का दावा है कि चीन को भारत से टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट और इंजीनियर्स को अपने यहां नौकरी देने की जरूरत है. डेली अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपनी सरकार से कहा है कि यह अभीतक चीन सरकार की बड़ी विफलता रही है कि उसने भारत से साइंस-टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स को अपने यहां नौकरी के लिए नहीं बुलाया.

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अब चीन करेगा हजारों भारतीय इंजीनियर्स की भर्ती
अब चीन करेगा हजारों भारतीय इंजीनियर्स की भर्ती

चीन सरकार के अखबार का दावा है कि चीन को भारत से टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट और इंजीनियर्स को अपने यहां नौकरी देने की जरूरत है. डेली अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपनी सरकार से कहा है कि यह अभीतक चीन सरकार की बड़ी विफलता रही है कि उसने भारत से साइंस-टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स को अपने यहां नौकरी के लिए नहीं बुलाया.

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अखबार का दावा है कि बीते कुछ साल में चीन ने साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बड़ी तरक्की की है जिसके चलते दुनियाभर से उसने कई एक्सपर्ट्स को अपने यहां बुलाया है. लेकिन भारत से उसने सिर्फ सस्ते वर्कफोर्स को अपने यहा नौकरी दी जबकि उसे चाहिए था कि यहां से अमेरिका जाने वाले टॉप पेड एक्सपर्ट्स को अपनी तरफ खींचना था.

चीन की एक अन्य वेबसाइट ने दावा किया है कि अमेरिका ने चीन में अपने 300 एक्सपर्ट्स के रिसर्च डेवलपमेंट टीम को बंद करते हुए भारत में 2000 एक्सपर्ट्स के साथ नया इनोवेशन सेंटर खोलने का फैसला लिया है. इस अमेरिकी फैसले से सबक लेते हुए चीन सरकार को आने वाले दिनों में भारत से एक्सपर्ट्स को बुलाने की कोशिश करनी चाहिए.

आखबार के मुताबिक अभी दुनिया में टेक्नोलॉजी इनोवेशन के क्षेत्र में चीन तीसरे नंबर पर है लेकिन ग्लोबल लीडर बनने के लिए जरूरत है कि कटिंग एज टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में वह अमेरिका को जल्द से जल्द पीछे छोड़ दे.

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गौरतलब है कि 2016 में चीन ने 1,576 विदेशियों को अपने यहां पर्मानेंट रेजिडेंसी की इजाजत दी थी. एक साल पहले की स्थिति में यह 163 फीसदी अधिक थी. लेकिन इसमें भारतियों को शामिल नहीं किया गया क्योंकि सरकार की प्राथमिकता अमेरिका और यूरोप से एक्सपर्ट्स लाने की थी.

 

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